वाल्मीकि रामायण
-
सीताजी के वरदान से होती है हनुमानजी की पूजा
श्रीराम के बगल में बैठी हुई सीताजी ने इससे आगे का आशीर्वाद दे डाला कि हनुमानजी देवता के रूप में पूजित होंगे। जहाँ हनुमानजी ... -
वाल्मीकि रामायण का आलोचनात्मक संस्करण
भण्डारकर ओरियण्टल रिसर्च इंस्टीच्यूट, पूना से वाल्मीकीय रामायण का आलोचनात्मक संस्करण प्रकाशित हुआ जो पाठ भेदों को समझने के लिए स्थानीय प्रक्षेपों को, अपपाठों ... -
वाल्मीकि रामायण का सबसे पुराना प्रकाशन
विलियम कैरी एसियाटिक सोसायटी ऑफ बंगाल के सदस्य थे। वाल्मीकि रामायण का प्रकाशन गद्यानुवाद के साथ किया, जो 3 खण्डों में सेरामपुर प्रेस से ... -
विलियम वॉन श्लेगल द्वारा सम्पादित वाल्मीकि रामायण का मिश्रित पाठ
1846 ई. में विलियम वॉन श्लेगल ने वाल्मीकि रामायण के दो काण्डों बालकाण्ड एवं अयोध्याकाण्ड का सम्पादन लैटिन अनुवाद के साथ किया। -
वाल्मीकि रामायण का पश्चिम-उत्तर भारत का पाठ
पश्चिमोत्तर पाठ के मूल यहाँ संकलित हैं। इस संस्करण का भी हिन्दी अनुवाद नहीं हुआ है। काश्मीर का मुख्य रूप से पाठ होने के ... -
वाल्मीकि रामायण का पूर्वोत्तर भारत का पाठ
पूर्वोत्तर का पाठ नेपाल, मिथिला, और बंगाल में प्रचलित हैं। इन तीनों का पाठ एक है। जहाँ कहीं भी थोड़ा बहुत पाठान्तर दिखायी देता ...
Dhanvantari Jayanti
शिक्षाक क्षेत्रमे दरभंगा महाराज रुद्रसिंहक द्वारा कएल गेल काज
Archaeological Remains in Lohna Village
जितिया व्रतकथाक मैथिलीमे अनुवाद