मिथिलामे प्रचलित, वर्षकृत्यमे पारम्परिक रूपसँ उद्धृत जितिया व्रतक सम्पूर्ण कथाक मैथिलीमे अनुवाद
कैलासक रमनगर चोटी पर गौरी महादेवसँ पुछलखिन जे हम सुनए चाहैत छी से की अहाँ कहि सकैत छी? पार्वती कहलथिन- कोन व्रत कोन तपस्या अथवा कोन पूजा केलासँ स्त्रीगण भाग-सोहागवाली बनल रहैत छथि आ हुनक धियापुता जीबैत छनि? Continue Reading
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed