‘अंतिका’क नव अंकक संपादकीय- मिथिलामक टिटिम्हा- अगिलेसुआक लुत्ती

मैथिलीक जाहि स्वरूपक ओ विरोध करैत छथि ओही स्वरूपक व्यवहार जखनि सम्पादक स्वयं करैत छथि तखनि ऊपरमे लिखल सभटा बात केवल आगि लगएबाक साधन थीक आ एकरे कहैत छै- अगिलेसुआक कथा।Continue Reading