श्री अर्जुन झा निरालाक कृति “चिकना गामक इतिहास ओ वंशावली” पुस्तक पढल।

वयोवृद्ध लेखक श्री निरालाजी जनसंसाधन विभाग, बिहार सरकारमे विभिन्न पद पर कार्य करैत प्रभारी राजस्व उप-समाहर्ता पद सँ 1994 ई. मे निवृत्त भेलाह। चिकना वासी रहबाक कारणें अपन गामसँ पूर्ण परिचिति हिनक एहि लेखनक प्रामाणिकता स्पष्ट करैत अछि। लेखक सूचना दैत छथि जे ओ आरम्भमे “सुप्रभात” नामक हस्तलिखित मासिक पत्रिकामे कविता आ कथा सेहो लिखैत रहथि। ई राजनीतिसँ सेहो जुडल रहलाह आ स्व. ललित नारायण मिश्रक राजनीतिक-यात्रामे सहायक भेल रहथिन। चिकना गाममे गठित “विश्वभारती वाग्वर्द्धिनी सभा”क संचालनमे सेहो हिनक स्मरणीय योगदान रहल अछि।

आलोच्य पुस्तक दू भागमे अछि। पहिल भागमे लेखक अपन वंशावली, पारिवारिक सम्बन्ध लिखलाक उपरान्त चिकना गामक इतिहास आ वर्तमान स्थितिक विवरण देने छथि। एहि क्रममे ओ चिकना गामक मन्दिर, अन्य पूजनीय-स्थल आदिक परिचय देने छथि। लेखक अपन युवावस्थामे 21 मार्च 1949 ई. कें गाममे जाहि “विश्वभारती वाग्वर्द्धिनी सभा”क स्थापना कएने रहथि, ओकर इतिहास आ उपलब्धि पर सेहो विवरण देल गेल अछि।

हिनका द्वारा देल गेल सूचना सभ मिथिलाक इतिहास पर अग्रेतर शोधक लेल महत्त्वपूर्ण अछि। जेना ई लिखैत छथि जे एहि गाममे देवनाथ ठाकुरक मन्दिर अछि, जतए ग्रामीणलोकनि विशेष करतेबताक अवसर पर बलिप्रदान सेहो करैत छथि। की ई म.म. गोविन्द ठाकुरक पुत्र प्रसिद्ध तान्त्रिक देवनाथ ठाकुरक द्वारा स्थापित मन्दिर थीक? ई रेलवेक उत्तर जाहि प्राचीन समाधि आ ओकर निकटवर्ती डिहवारक स्थानक चर्चा करैत छथि, ओ सभ पुरातात्त्विक अनुसंधानक अपेक्षा रखैत अछि।

हिनका गाममे गामक पुस्तकालय, ग्राम-पंचायत, पश्चिम कोशी तटबन्ध निर्माणमे गामक योगदान आदि विषय पर प्रामाणिक विवरण देने छथि। अपन गामक महत्त्वपूर्ण व्यक्तिक संक्षिप्त परिचय पर एक पृथक् अध्याय छनि।

ई भाग एक प्रकारक ग्राम-टिप्पणी थीक, जे एक गामक सामाजिक इतिहास आ भूगोलक प्रामाणिक विवरण प्रस्तुत करैत अछि।

पुस्तकक दोसर भागक पहिल आलेख “मिथिलामे पंजी-व्यवस्था एवं कर्णाट राजवंश” पंजीक इतिहास पर सामग्री दैत अछि। एकर बाद ग्रामीणक परिचय पातक क्रममे एहि गाम मे 16 मूलक ब्राह्मणक निवास, सभक आवास संख्या आ जनसंख्या सेहो तालिकामे प्रस्तुत कएल गेल अछि। किछु मूलक वंशावली सेहो अछि।

पुस्कक विशेषता अछि जे एहि गामक अन्य जाति- जेना वढई, हजाम, हलुआई, धोबी, धानुक, माली, यादव, तेली ताँती, दुसाध, मुसहर, चमार, मुसलमान- एतेक जातिक 5-6 पीढीक वंशावली सेहो देने छथि जे लेखक सूक्ष्म अनुसंधानक परिणाम थीक आ भावी सामाजिक अनुसंधानक दिशा-निर्देशक सेहो थीक।

अन्तमे लेखक अपन अनुभव आ शास्त्रक बल पर बहुत रास सामाजिक कुरीति पर प्रहार कए मार्गदर्शन कएने छथि। पुस्तकक अन्तमे ललित नारायण मिश्र एवं राघवाचार्यक लिखल किछु पत्र सेहो संकलित अछि।

पुस्तकक भूमिकामे पंजीकार जयानन्द मिश्रक द्वारा देल गेल सूचना सभ महत्त्वपूर्ण अछि। ओ वर्तमानमे गामक सामाजिक इतिहास विषय पर लिखल गेल अथवा लिखल जा रहल पुस्तक सभक विषयमे सेहो सूचना देने छथि-

  • श्री विद्यानन्द झा- मौआही गामक इतिहास ओ वंशावली
  • श्री हर्षनाथ ठाकुर- हमर गाँ जनार्दनपुर
  • श्री मनोज कुमार झा- बेला-दौडा
  • प्रो. विनोद कुमार ठाकुर- कैथिनियाँ
  • श्री देवेन्द्र नारायण झा- उमरी
  • श्री जयानन्द मिश्र- ननौर

ध्यातव्य जे डा. विनयानन्द झाक लिखल मँगरौनीक इतिहास आ पं. गोविन्द झाक सात रेखा सात रंग एही कोटिक रचना थिक।

    ई लेखन-प्रवृत्ति सुखद अछि। विशेष रूपसँ, जखनि कि, ई सभ पोथी मैथिलीमे लिखा रहल अछि। विभिन्न गामक इतिहासक अवलोकन केलाक बाद ओकर बीच पारस्परिक सम्बन्ध पर अनुसंधान भविष्यमे इतिहास-लेखनक दिशामे बड महत्त्वपूर्ण काज होएत।

कुल मिला कए आलोच्य पुस्तक पठनीय अछि। 2015 ई.मे प्रथम बेर प्रकाशित पुस्तकक प्रकाशक प्रो. (डा.) मनोज कुमार झा छथि। मूल्य 101 रुपया देल गेल छैक तथा पुस्तक प्राप्तिक पता देल अछि-

प्रो. (डा.) मनोज कुमार झा

रानी सुदिना सदन,

ग्राम- चिकना,

जिला मधुबनी,

बिहार।

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