इतिहास
-
श्राद्ध और पितृकर्म पर एक खुली बहस- सनातन धर्म हमें जोड़कर रखता है!
एक विकल्प है- सनातन धर्म की अवधारणाएँ। वे अवधारणाएँ, जो वसुधैव कुटुम्बकम्, का उद्घोष करती हैं क्या वे क्या हमें फिर हमारे अकेलेपन को ... -
गोनू झा व्यक्तित्व आ इतिहासक स्रोतक रूपमे पंजी-विमर्श
गोनू झाक व्यक्तित्व आ ओकर स्रोत मिथिलामे पंजी अछि। एहि पंजीमे 1. अपन नाम, 2. पिताक नाम 3. मूल गामक नाम, 4. प्रव्रजित गामक ... -
धूर्तराज गोनू कर्णाट शासनक कालक ऐतिहासिक पुरुष छलाह
धूर्तराज गोनू कर्णाट शासनक कालक ऐतिहासिक पुरुष छलाह म.म. परमेश्वर झा हिनक काल देवसिंहक समयमे मानैत छथि। मिथिलातत्त्वविमर्शमे ओ लिखैत छथि जे महाराज भवसिंह ... -
भारत में सती प्रथा पर हंगामे के इतिहास की सच्चाई
हमें पढ़ाया जाता है कि भारत में सतीप्रथा थी। पति की मृत्यु होने पर विधवा पत्नी को जिन्दा जला दिया जाता था। इसे एक ... -
जॉन मुइर की ‘मतपरीक्षा’ तथा दयानन्द के ‘सत्यार्थप्रकाश’ का ‘साइड इफैक्ट’
जॉन मुइर की पुस्तक ‘मतपरीक्षा’ तथा दयानन्द के ‘सत्यार्थप्रकाश’ का ‘साइड इफैक्ट’ सन् 1868ई. की बात है। जॉन मुइर की पुस्तक ‘मतपरीक्षा’ का हिन्दी ... -
भारतीयों का वेद ‘रामचरितमानस’
लाला बैजनाथ ने Modern Hindu Religion And Philosophy यानी आधुनिक भारतीय धर्म एवं दर्शन पर व्याख्यान दिया था। इस व्याख्यान के अंतर्गत उन्होंने तुलसीदास ... -
मैथिल दुर्गादत्त ओ हुनक छन्दःशास्त्रीय ग्रन्थ ‘वृत्तरत्नावली’
एतए हमरा एहि ग्रन्थक एक पाण्डुलिपि उपलब्ध अछि जे संवत् 1866मे भराम गाम मे रामवत्स नामक व्यक्ति द्वारा लिपिबद्ध कएल छल। तदनुसार एकर लेखनकाल ... -
मैथिली आ अंगिका पर लालकृष्ण आडवानी की बाजल रहथि
मैथिली आ अंगिका पर लालकृष्ण आडवानीक देल गेल लिखित उत्तर -
मिथिला आ ओकर अस्मिताक निर्धारक तत्त्व
भाषा, लिपि, चौहद्दीक प्राचीन उल्लेख एहि तीनू कारकक संग आरो बहुत रास एहन तत्त्व सभ विवचनीय अछि जे मिथिलाक अस्मिताक निर्धारक तत्त्व थीक, जेकर ... -
19वीं शती के रिनेशाँ की वह भयंकर भूल…
बहुत दिन पहले की बात है। एक व्यक्ति को तीर्थयात्रा करने की इच्छा हुई। वह रास्ते में खर्च के लिए बहुत सारा धन जुटाकर ...