Dagdha Tithi

दग्ध यानी जली हुई। प्रत्येक महीने दो तिथियाँ होतीं हैं, जिन्हें दग्ध तिथि कहते हैं। इसकी गणना आप स्वयं कर सकते हैं। यात्रा, विवाह, व्यापार आरम्भ करना तथा कर्ज का लेन-देन इन तीनों में दग्धतिथि से बचना चाहिए। दग्धतिथि का फल इस दग्ध तिथि में शुभकार्य नहीं करने का निर्देशContinue Reading

मकर संक्रान्ति, 2022

लेकिन अनेक आचार्यों का मत है कि यदि सूर्यास्त हो जाने के बाद संक्रमण हो तो अगले दिन पुण्यकाल माना जाना चाहिए। गणितीय स्थिति जो कुछ भी हो, हमें उन पूर्वाचार्यों के मत को सम्मान देना चाहिए। इस मत से 15 जनवरी को पुण्यकाल मध्याह्न से पूर्व रहेगा। जो जिस क्षेत्र के हैं, उन्हें अपनी परम्परा का पालन करना चाहिए।Continue Reading

वाल्मीकीयरामायणे न केवलं द्वादशराशीनामुल्लेखः, अपि तु जन्मलग्नं विनिश्चित्य भावानामपि गणनायाः सङ्केतः प्राप्यते। ग्रहाणामुच्चैः नीचैश्च स्थानेषु अवस्थानमपि तत्र गणितम् । Continue Reading

मिथिलाक ज्योतिष परम्परामे नाह्निदत्त कृत पंचविंशतिका एकटा महत्तवपूर्ण ग्रन्थ अछि। एकर व्याख्या म.म. रुचिपति (15म शती) केने छथि। एकर पाण्डुलिपि एतए देखल जा सकैत अछि।Continue Reading

श्राद्ध आ एकोद्दिष्टक विषयमे कुतुप कालक विचार होइत अछि। एकोद्दिष्ट आदि पितृकर्म कोन तिथिक कोन दिन होएत आ कखनि आरम्भ करबाक चाही तकर विचार करबामे कुतुप आ रोहिण नामक दू मुहूर्तक विचार कएल जाइत अछिContinue Reading

Mithila painting

एहिसभ विषयकें आधुनिक लोक दकियानूसी बुझैत छथि। मुदा हमरालोकनिकें बुझबाक चाही जे हमर पूर्वज एकर निर्वाह कए गेल छथि। ई हमरासभक परम्परा थीक।Continue Reading

kalash

जँ व्रत अथवा उपासक संकल्प कए लेल गेल छैक तँ अशौचहुमे व्रत-उपास, पूजा-पाठ आदि करबाक विधान कएल गेल छैक।Continue Reading

6 आंगुर पलभा गणनाक आधार पर 26.56505°N अक्षांशक थीक। 26.5952° N अक्षांश पर सीतामढीक जानकी मन्दिर अवस्थित अछि।Continue Reading

भारतक इतिहासमे ई परम सत्य अछि जे यूरोपियन इतिहासकार लोकनि भारतक प्राचीन साहित्यक इतिहास के निर्णय करबामे न्याय नै कएने छथि।Continue Reading