मिथिलामे अधपहराक बड महत्त्व अछि। अर्द्धप्रहरा अर्थात् अधपहरामे कोनो शुभकाज नै कएल जाइत अछि। प्रत्येक दिन कोनो शुभ कार्य करबासँ पहिने अधपहरा देखि लेल जाइत अछि आ ओहि समय कें छाँटि कए काजक समय निकालल जाइत अछि। सामान्य जनजीवनमे एकर महत्त्व अछि आ एहन विषय थीक जकरा लेल कोनो ज्योतिषी अथवा पण्डित कें पुछबाक काज नै। किछु दिन पहिने धरि महिलालोकनि सेहो कहि दैत छलीह जे आइ शनिक शेष छियै आ बृहस्पतिक शेष छियै। संगहि आनो दिन कखनि सँ कखनि धरि अधपहरा होएत से कहि सकैत छलीह।
एतय एकटा सूची देल जा रहल अछि से देखलाक बाद केओ व्यक्ति गणना कए अपन काज कए सकैत छी। नीचाँ सूर्योदयसँ सूर्यास्त काल धरिक अधपरहाक संख्या आ ओकर नीचाँ समय देल जा रहल अछि। मुदा ई समय स्थूल गणना थीक। जहिया दिन आ राति समान होएत ओहि दिनक लेल ई समय शुद्ध अछि। बाँकी दिन थोडेक आगाँ-पाछाँ होएत।
संख्या | 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 |
समय | 6.00-7.30 | 7.30-9.00 | 9.00-10.30 | 10.30-12.00 | 12.00-1.30 | 1.30-3.00 | 3.00-4.30 | 4.30-6.00 |
अधहराक शुद्धतम मान निकालबाक लेल एना गणित कएल जाइत अछि-
- सूर्यास्तक समय कें दूना करी, जे दिनमान कहाओल
- दिनमान कें 8 भागमे बाँटि ली। जतेक मिनट होएत ओ एक अधपहराक मान भेल।
- सूर्योदयक समयसँ ओकरा जोडैत जाइ। आठो अधपहरा निकलि जाएत।
आब ई देखी जे कोन दिन कोन अधपहरा वर्जित अछि। एकर सूची एना अछि-
दिन | रवि | सोम | मंगल | बुध | बृहस्पति | शुक्र | शनि |
वर्जित अधपहरा | 4,5 | 7,2 | 6,2 | 5,3 | 7,8 | 3,4 | 1,6,8 |
एहि समय कें वर्जित कए काज करबाक चाही।
एहिना रातिमे सेहो गणना करी। जँ ओहि दिनक दिनमानक आठम भाग निकालि एक अधपहराक मान निकालि चुकल छी तँ 3 घंटामे सँ ओतेक मिनट घटा कए रातिक अधपहराक मान निकालि लए सकैत छी। नै तँ सूर्योदयक समयकें दूना कएला पर रात्रिक मान निकालि ओकरा आठ सँ भाग दए रातिक अधपहराक मान निकाली आ निम्नलिखित सूचीसँ रातिमे वर्जित अधपहराक निर्धारण करी।
दिन | रवि | सोम | मंगल | बुध | बृहस्पति | शुक्र | शनि |
वर्जित अधपहरा | 2,4 | 7,4 | 2 | 5,7 | 5,8 | 3 | 1,6,8 |
मिथिलाक लेल ई महत्त्वपूर्ण आ सामान्य गणना अछि।