Buddhacharitam by Bhavanath Jha

अस्मिन्निबन्धे स्थालीपुलाकन्यायेन भवनाथझाकृतस्य बुद्धचरित-समुद्धारस्य वैशिष्ट्यानि प्रदर्शितानि सन्ति। वस्तुतो वर्तमानकालस्य समुत्कृष्टकार्येषु कार्यस्यास्य शिखरत्वं निश्चप्रचं घोषयितुं शक्यते यन्न केनापि प्रयतितचरमस्ति। महाकाव्यस्योपरि विशेषेण समुद्धृतभागस्योपरि महाप्रबन्धः कुन्तकोपदिष्टपद्धत्या श्लोके श्लोके वक्रताविचारणासहितोऽपेक्षितो वर्तते, येन कवेः श्रमः काव्यकौशलं च वैज्ञानिकेन विधिना विदुषां पुरस्तात् स्फुटीभवेतामिति शम्।Continue Reading

Madhusudan Ojha from Mithila

पं. मधुसूदन शर्मा मैथिल आधुनिक भारतीय विद्वानों में अग्रगण्य माने जाते हैं। उन्होंने हमेशा भारतीय परम्परा की रक्षा के लिए अनेक ग्रन्थों की रचना की, जिनमें से कई आजतक अप्रकाशित हैं। 19वीं शती के अन्तिम समय से 20वीं शती के आरम्भ में उन्होंने इन ग्रन्थों की रचना की। Continue Reading

कोइलख गामक इतिहास

विवेच्य पुस्तक कोइलख गामक सारस्वत परम्पराक इतिहास थीक। एहिमे 39 दिवंगत एवं 6 जीवित व्यक्तिक परिचयक संग हुनक कृतिक सूचना संक्षेपमे देल गेल अछि। Continue Reading

गणनाथ झा ग्रन्थावली

विवेच्य ग्रन्थमे म.म. डा. सर गंगानाथ झा द्वारा संकलित आ प्रकाशित गणनाथ-पदावली तथा विन्ध्यनाथ पदावली कें हुनक भूमिकाक संग अविकल रूपसँ संकलित कएल गेल अछि।Continue Reading

चिकना गामक वंशावली

आलोच्य पुस्तक दू भागमे अछि। पहिल भागमे लेखक अपन वंशावली, पारिवारिक सम्बन्ध लिखलाक उपरान्त चिकना गामक इतिहास आ वर्तमान स्थितिक विवरण देने छथि।Continue Reading

बहुत कम पाठकों को यह विदित है कि गोस्वामी तुलसीदास रचित रामचरितमानस के प्रथम सम्पादक, हिन्दी के आदि गद्यकार, पं. सदल मिश्र थे। उनके द्वारा सम्पादित यह ग्रन्थ कलकत्ता से 1810 ई. में प्रकाशित हुआ था।Continue Reading

प्रस्तुत संकलन डा. एस. एन. पी. सिन्हा द्वारा लिखित एवं विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में पूर्व प्रकाशित आलेखों, संस्मरणों, भेंटवार्ताओं एवं विभिन्न अवसरों पर दिये गये व्याख्यानों का दूसरा संकलन है।Continue Reading