places of Hanumanji

हनुमानजी के जन्मस्थान के सम्बन्ध में वर्तमान झारखण्ड के गुमला जिला का दावा भी आधारहीन नहीं है। यहाँ आज भी सहस्र वर्षों से श्रीराम के अनुयायी बजरंग, हनुमान, पवन के गोत्र (टोटम) जाति वनवासीContinue Reading

gyanvapi

भगवान् शिव ने स्वयं त्रिशूल से खोदकर ज्ञानवापी का निर्माण किया था। विश्वेश्वर शिवलिंग का अभिषेक के लिए स्वयं ईशान शिव ने अपने त्रिशूल से ज्ञानवापी का निर्माण किया था। स्कन्द पुराण में यह प्रसंग आया है कि एकबार ऋषियों ने स्कन्द से ज्ञानवापी की महिमा बतलाने के लिए कहा।Continue Reading

Mithila Yantra

‘रुद्रयामलसारोद्धार’ नामक एक ग्रन्थ में मिथिला की तीर्थयात्रा का वर्णन हुआ है। यह अंश अधूरा है तथा इसके आंतरिक विवेचन से यह 13वीं शती से 18 शती के बीच मिथिला में किसी ने लिखकर इसे रुद्रयामलसोरद्धार के नाम से प्रचारित किया है। इसमें कुछ स्थलों के प्राचीन नाम हैं, जिन्हें आधुनिक स्थानों से मिलाने पर सभी विवरण वास्तविक प्रतीत होते हैं। दिशानिर्देश के साथ मन्दिरों, तीर्य़ों तथा गाँवों का विवरण यहाँ मिलता है।Continue Reading

Kesaria Stupa in Tirhut

पछवारि मिथिलामे अवस्थित केसरिया स्तूप एखनि बौद्ध पुरातात्त्विक केन्द्र मानल जाइत अछि, मुदा ओहिठाम सँ अतीतमे जे एकटा दशावतारक मूर्ति भेटल छल, ओहि पर शिलालेख सेहो छल, ताहि मूर्तिक कोनो उल्लेख बादमे नहिं भेटि रहल अछि। Continue Reading

Mithila manuscript

मिथिला की गंगा के तट का माहात्म्य, चौमथ घाट एवं सिमरिया के सन्दर्भ में यह आलेख 2016 ई. में बेगूसराय, संग्रहालय के वार्षिकोत्सव के अवसर पर पढ़ा गया है)Continue Reading

Gaurishankar Shiva, Hajipur

हाजीपुरमे मस्जिद चौक लग लालकोठीक कातमे एकटा गौरीमुख शिवलिंग स्थापित छथि जतए किछु दशक पूर्व एकटा नव मन्दिर बनाओल गेल अछि। ई शिवलिंग अपन अनेक विशेषताक कारणें आध्यात्मिक आ ऐतिहासिक दृष्टिसँ महत्त्वपूर्ण अछि।Continue Reading

Ganga Mata

गंगा भारत की नदियों में श्रेष्ठ मानी गयी है। ऋग्वैदिक काल से आजतक इसकी महिमा गायी जाती रही है। यहाँ तक कहा गया है कि गंगा के जल को स्पर्श करनेवाली वायु के स्पर्श से भी सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।Continue Reading

लोहना गाँव झंझारपुर अंचल में अवस्थित एक विशाल गाँव है। यह उत्तर बिहार में मुजप्फरपुर-फारविसगंज राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 57 पर दरभंगा से 40 कि.मी. पूर्व अवस्थित है।Continue Reading

अवलोकन केलाक बाद दूनू कें मिलाए पढला पर म.म. परमेश्वर झाक पाठ मे संशोधनक अवसर आएल। एकर मुख्य स्थान अछि दोसर पंक्तिक 9-12 अक्षर जतए पाठक कारणें ऐतिहासिक साक्ष्य पर असरि पडैत अछि।Continue Reading