वाल्मीकि रामायण
-
शंका- समाधान : की सीता मेनकासँ उत्पन्न छलीह अथवा मेनका सन दिव्य कन्या छलीह?
होएत। एतए पंचमी विभक्ति मानि सीताकेँ मेनकाक पुत्री सिद्ध करबाक लेल जे कथा प्रचलनमे अछि से आदरणीय नहि। सीतायाः सदृशी भार्या त्रयमेकत्र दुर्लभम् मे ... -
कुम्भकर्ण किसके शाप से छह महीना सोता रहता था?
ब्रह्माजी ने कहा- हे वाणी सरस्वती, जैसा देवतालोग चाहते हैं, इस राक्षस की वैसी ही वाणी तुम बन जाओ। सरस्वती ने यही काम किया। एक ... -
वाल्मीकि-रामायण की सबसे पुरानी प्रति कहाँ की लिखी मिली है? मिथिला में…
“संवत् 1076 अर्थात् 1019 ई. में आषाढ़ कृष्ण चतुर्थी तिथि को महाराजाधिराज, पुण्यावलोक, चन्द्रवंशी, गरुडध्वज उपाधिधारी राजा गांगेयदेव के द्वारा शासित तिरहुत में कल्याणविजय ... -
सीताजी के वरदान से होती है हनुमानजी की पूजा
श्रीराम के बगल में बैठी हुई सीताजी ने इससे आगे का आशीर्वाद दे डाला कि हनुमानजी देवता के रूप में पूजित होंगे। जहाँ हनुमानजी ... -
वाल्मीकि रामायण का आलोचनात्मक संस्करण
भण्डारकर ओरियण्टल रिसर्च इंस्टीच्यूट, पूना से वाल्मीकीय रामायण का आलोचनात्मक संस्करण प्रकाशित हुआ जो पाठ भेदों को समझने के लिए स्थानीय प्रक्षेपों को, अपपाठों ... -
वाल्मीकि रामायण का सबसे पुराना प्रकाशन
विलियम कैरी एसियाटिक सोसायटी ऑफ बंगाल के सदस्य थे। वाल्मीकि रामायण का प्रकाशन गद्यानुवाद के साथ किया, जो 3 खण्डों में सेरामपुर प्रेस से ... -
विलियम वॉन श्लेगल द्वारा सम्पादित वाल्मीकि रामायण का मिश्रित पाठ
1846 ई. में विलियम वॉन श्लेगल ने वाल्मीकि रामायण के दो काण्डों बालकाण्ड एवं अयोध्याकाण्ड का सम्पादन लैटिन अनुवाद के साथ किया। -
वाल्मीकि रामायण का पश्चिम-उत्तर भारत का पाठ
पश्चिमोत्तर पाठ के मूल यहाँ संकलित हैं। इस संस्करण का भी हिन्दी अनुवाद नहीं हुआ है। काश्मीर का मुख्य रूप से पाठ होने के ... -
वाल्मीकि रामायण का पूर्वोत्तर भारत का पाठ
पूर्वोत्तर का पाठ नेपाल, मिथिला, और बंगाल में प्रचलित हैं। इन तीनों का पाठ एक है। जहाँ कहीं भी थोड़ा बहुत पाठान्तर दिखायी देता ...