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Home›संस्कृत भाषा-शिक्षा›पाठ- 4. संस्कृत पाठमाला (प्राचीन पद्धति) सर्वनाम शब्दों के रूप

पाठ- 4. संस्कृत पाठमाला (प्राचीन पद्धति) सर्वनाम शब्दों के रूप

By Bhavanath Jha
August 31, 2021
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संस्कृत पाठमाला- भवनाथ झा

पिछले तीन पोस्ट से हम संस्कृत भाषा सीखने के लिए पाठमाला दे रहे हैं। इसके अन्तर्गत सबसे पहले शब्दरूपों को कंठस्थ करने का पाठ आरम्भ किया है।

पिछले पाठ में 10 नपुंसक शब्दों के रूप दिये गये हैं। हमें आशा है कि हमारे नियमित पाठक शब्दों का रूप कण्ठस्थ कर चुके होंगे।

इस पाठ में 10 सर्वनाम शब्दों के रूप दिये जा रहे हैं। विभक्ति एवं वचन का विचार किये बिना सीधे इन शब्दों का रूप कण्ठस्थ कर लेना सबसे उपयुक्त है। ध्यातव्य है कि प्रारम्भिक पाठों में याद करने से पूर्व अन्य किसी भी बात पर ध्यान देने से बाधा उत्पन्न होती है।

सर्वनाम शब्द

संस्कृत में सर्वनाम संज्ञा है। इसकी सूची पाणिनि ने इस प्रकार दी है-

सर्व । विश्व । उभ । उभय। डतर । डतम । अन्य । अन्यतर। इतर। त्वत्। त्व। नेम। सम। सिम । तद् । यद् । एतद् । इदम्। अदस्। एक। द्वि। युष्मद्। अस्मद्। भवत्। किम्। पूर्व, अपर, अवर, दक्षिण, उत्तर, पर, अधर, स्व, अन्तर।

संस्कृत में पुरुष तीन होते हैं, जिन्हें इस प्रकार समझा जा सकता है-

  1. बोलने वाला उत्तमपुरुष,
  2. सुननेवाला मध्यम पुरुष और
  3. इन दोनों से भिन्न अन्य पुरुष।

इस प्रकार मैं उत्तम पुरुष, तुम मध्यम पुरुष और वह अन्य पुरुष। हिन्दी में अब ‘तुम’ शब्द का प्रयोग न होकर आप का प्रयोग आदरसूचक अर्थ में होता है, जिसके लिए ‘भवत्’ प्रातिपदिक है। वह मध्यम पुरुष न होकर अन्यपुरुष ही कहलायेगा। फलतः अब मध्यमपुरुष का प्रयोग बहुत कम हो गया है। किन्तु प्राचीन भाषा को पढ़ने के लिए मध्यमपुरुष का भी ज्ञान आवश्यक है।

इस प्रकार सबसे पहले अस्मत्, युष्मत्, भवत् और तत् इन शब्दों के रूप कण्ठस्थ कर लेना चाहिए। अस्मद् एवं युष्मद् शब्दों की द्वितीया, चतुर्थी एवं षष्ठी में वैकल्पिक रूप भी होते है, किन्तु उन्हें भी बाद में सीखेंगे।

सर्वनाम शब्दों के सम्बन्ध में एक श्लोक प्रसिद्ध है। इतने सर्वनाम शब्दों के रूप हमें कंठस्थ कर लेना चाहिए।

सः सा तद्यश्च यायञ्च कःकाकिन्त्वमहं त्वयम्।

इयं चेदं चैष चैषा चेतच्चासावसावदः।।

अस्मत् (मैं)-

अहम् आवां वयम्। माम् आवाम् अस्मान्। मया आवाभ्याम् अस्माभिः। मह्यम् आवाभ्याम् अस्मभ्यम्। मत् आवाभ्याम् अस्मत्। मम आवयोः अस्माकम्। मयि आवयोः अस्मासु।

युष्मत् (तुम)-

त्वम् युवाम् यूयम्। त्वाम् युवाम् युष्मान्। त्वया युवाभ्याम् युष्माभिः। तुभ्यम् युवाभ्याम् युष्मभ्यम्। त्वत् युवाभ्याम् युष्मत्। तव युवयोः युष्माकम्। त्वयि युवयोः युष्मासु।

तत् शब्द, पुल्लिंग (वह)-

सः तौ ते। तम् तौ तान्। तेन ताभ्यां तैः। तस्मै ताभ्याम् तेभ्यः। तस्मात् ताभ्याम् तेभ्यः। तस्य तयोः तेषाम्। तस्मिन् तयोः तेषु।

तत् शब्द, स्त्रीलिंग (वह)-

सा ते ताः। ताम् ते ताः। तया ताभ्यां ताभिः। तस्यै ताभ्याम् ताभ्यः। तस्याः ताभ्याम् ताभ्यः। तस्याः तयोः तासाम्। तस्याम् तयोः तासु।

तत् शब्द, नपुंसक (वह)-

तत् ते तानि। तत् ते तानि। शेष पुल्लिंग के समान।

भवत् शब्द, पुल्लिंग (आप)-

भवान् भवन्तौ भवन्तः। भवन्तम् भवन्तौ भवतः। भवता भवद्भ्यां भवद्भिः। भवते भवद्भ्यां भवद्भ्यः। भवतः भवद्भ्यां भवद्भ्यः। भवतः भवतोः भवताम्। भवति भवतोः भवत्सु। हे भवान् हे भवन्तौ हे भवन्तः।

भवत् शब्द, स्त्रीलिंग (आप)

भवती भवत्यौ भवत्यः। भवती भवत्यौ भवतीः। भवत्या भवतीभ्यां भवतीभिः। भवत्यै भवतीभ्यां भवतीभ्यः। भवत्याः भवतीभ्यां भवतीभ्यः। भवत्याः भवत्योः भवतीनाम्। भवत्यां भवत्योः भवतीषु। हे भवती हे भवत्यौ हे भवत्यः।

सर्व शब्द, पुल्लिंग (सभी)-

सर्वः सर्वी सर्वे। सर्वम् सौ सर्वान्। सर्वेण सर्वाभ्याम् सर्वैः। सर्वस्मै सर्वाभ्याम् सर्वेभ्यः। सर्वस्मात् सर्वाभ्याम् सर्वेभ्यः। सर्वस्य सर्वयोः सर्वेषाम्। सर्वस्मिन् सर्वयोः सर्वेषु। हे सर्व हे सर्वौ हे सर्वे।

सर्व शब्द, स्त्रीलिंग (सभी)-

सर्वा सर्वे सर्वाः। सर्वाम् सर्वे सर्वाः। सर्वया सर्वाभ्याम् सर्वाभिः। सर्वस्यै सर्वाभ्याम् सर्वाभ्यः। सर्वस्याः सर्वाभ्याम् सर्वाभ्यः। सर्वस्याः सर्वयोः सर्वासाम्। सर्वस्याम् सर्वयोः सर्वासु। हे सर्वे हे सर्वे हे सर्वाः।

सर्व शब्द, नपुंसक (सभी)-

सर्वम् सर्वे सर्वाणि। सर्वम् सर्वे सर्वाणि। शेष पुल्लिंग के समान रूप होंगे।

उभ शब्द, दोनों

यह द्वित्वविशिष्ट का ही वाचक होता है अतः इसके रूप केवल द्विवचन में होंगे- उभौ, उभौ, उभाभ्यां, उभाभ्यां, उभाभ्यां, उभयोः उभयोः।

किम् शब्द, पुल्लिंग (कौन)-

कः कौ के। कम् को कान्। केन काभ्यां कैः। कस्मै काभ्यां केभ्यः। कस्मात् काभ्यां केभ्यः। कस्य कयोः केषाम्। कस्मिन् कयोः केषु।।

किम् शब्द, स्त्रीलिंग (कौन)-

का के काः। कां के काः। कया काभ्यां काभिः। कस्यै काभ्यां काभ्यः। कस्याः काभ्या काभ्यः। कस्याः कयोः कासाम्। कस्या कयो: कासु।

किम् शब्द, नपुंसक (कौन)-

किं के कानि, किं के कानि। शेष पुल्लिंग के समान रूप होंगे।

इदम् शब्द पुल्लिंग (यह)-

अयम् इमौ इमे। इमम् इमौ इमान्। अनेन आभ्यां एभिः। अस्मै आभ्याम् एभ्यः। अस्मात् आभ्याम् एभ्यः। अस्य अनयोः एषाम्। अस्मिन् अनयोः एषु।

इदम् शब्द पुल्लिंग (यह)-

 इयं इमे इमाः। इमां इमे इमाः। अनया आभ्यां आभिः। अस्यै आभ्यां आभ्यः। अस्याः आभ्यां आभ्यः। अस्याः अनयोः आसाम्। अस्या अनयोः आसु।

इदम् शब्द नपुंसक (यह)-

इदं इमे इमानि। इदं इमे इमानि।शेष पुल्लिंग के समान रूप होंगे।

।।शब्दरूप अभ्यास समाप्त।।

Tagsशब्दरूपसर्वनाम शब्दसंस्कृत पाठसंस्कृत सीखें
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