पुस्तकक नाम- पण्डित गणनाथ झा रचनावली। सम्पादक- प्रो. यशोदानाथ झा। प्रकाशक-श्री यशोदानाथ झा, आनन्द कुटीर, पाहीटोल, पो. सरिसब-पाही, मधुबनी-847424 (बिहार)। प्रकाशन वर्ष-2017 ई., प्राप्तिस्थान- उपरिवत्। मूल्य– 200.00. मुद्रक- एकेडमी प्रेस, 602, दारागंज, इलाहाबाद। पृष्ठ संख्या– 278।. सजिल्द।
कवि परिचय- मिथिलाक वर्तमान मधुबनी जिलाक अन्तर्गत सरिसब-पाही गाममे पलिवार महिसी मूलक श्रोत्रियवंशक पं. धरानाथझा कें पाँच गोट पुत्ररत्न भलथिन्ह (1) विन्ध्यनाथ झा (2) गणनाथ झा (3) डा. सर गंगानाथ झा (4) विजयनाथ झा (5) वैद्यनाथ झा। एहिमे गणनाथ झाक जन्म 1870 ई.मे भेल रहय। विस्तृत परिचय एहि ग्रन्थमे देल गेल अछि।
विवेच्य ग्रन्थमे म.म. डा. सर गंगानाथ झा द्वारा संकलित आ प्रकाशित गणनाथ-पदावली तथा विन्ध्यनाथ पदावली कें हुनक भूमिकाक संग अविकल रूपसँ संकलित कएल गेल अछि। एक पहिल प्रकाशन 1345 साल अर्थात् 1937 ई.मे भेल छल।
एकर अतिरिक्त गंगानाथ झा केन्द्रीय विद्यापीठ, इलाहाबाद मे पं. गणनाथ झाक किछु रचनाक मिथिलाक्षरमे हुनकहि हाथक लिखल पाण्डुलिपि सुरक्षित अछि। वर्तमान प्रकाशक डा. यशोदानाथ झा द्वारा संपादित ओहो रचना एतए संकलित कएल गेल अछि। संगहि वर्तमान प्रकाशक कें पं. गणनाथ झाक रचनाक खर्रा लेख अर्थात् रफ कापी प्रो. (डा.) विद्यानाथ मिश्रक सौजन्यसँ प्राप्त भेलनि, जे अत्यन्त जीर्ण भए गेल छल। ओहिमेसँ किछुए कविता उतारल जा सकल। ओकरो संपादित रूप एतए संकलित अछि।
संगहिं पं. गणनाथ झा द्वारा 1912 ई. मे मैथिली भाषामे अनूदित ऋग्वेद-संहिताक आरम्भिक भाग डा. यशादानाथ झाक संपादन मे जिज्ञासा पत्रिका, तन्त्रवती गीता भन, मैथिली शोध एकांश, राँटी, मधुबनी, अंक 1, जनवरी-जून-1995 .मे प्रकाशित भेल छल ओकरो संकलन एतए कएल गेल अछि।
एहिना पं. गणनाथ झाक श्यामा-रूपक एवं महाभारतक आदिपर्वक अनुवाद प्रथम बेर एतए संपादित आ प्रकाशित कएल गेल अछि। एकर अतिरिक्त किछु संबद्ध पत्र आ आलेख सेहो एतए संकलित अछि जे मिथिलाक तन्त्रसाधनाक वास्तविक स्वरूप पर प्रकाश दैत अछि।
ई पुस्तक पं. गणनाथ झा तथा पं. विन्ध्यनाथ झाक प्रकाशित आ अप्रकाशित रचनासभक पूर्ण आ प्रामाणिक संस्करण थीक जकर श्रेय डा. यशोदानाथ झाकें छनि। आदिमे “स्थितधी गणनाथ” शीर्षकसँ एक डा. यशोदानाथ झाक विस्तृत आलेख अछि जाहिमे दूनू लेखकक व्यक्तित्व आ कृतित्व पर गम्भीर व्याख्यान अछि। एकर भाषाक लालित्य आ गाम्भीर्य आकर्षक अछि। हिन्दी मे हजारीप्रसाद द्विवेदीक शैली एतए मैथिलीमे हमरालोकनिकें भेटैत अछि।
एहिमे संकलित रचना सभक सूची एना अछि-
पण्डित गणनाथ झा पदावली भाग
मैथिली पद- कुल 32 गीत जाहिमे देवीपद, समदाउनि, चैत, समदाउनि विजयदशमीक, भगवतीक, काशीमे श्रीताराक धातुविग्रह प्रतिमा अयलापर, श्रीक शयनक, वेरू पहर उठएबाक, सोहर, देशी, कलशस्थापन दिनुक, समदाउनि, लगनी, आसावरी सिन्दूरा गीतक संकलन अछि।
मैथिली तथा हिन्दी- एहि अंशमे देव देवी पद, होरी, रसिया, पहाडी आदि रागक गीत संकलित अछि, जाहिमे श्रीराम, शिव, देवी आदिक विनती संकलित अछि।
मैथिली शृंगार गीत- एहिमे लगनी एवं तिरहुत रागमे 13 गोट गीत अछि।
हिन्दी- एहिमे भगवती एवं श्रीकृष्णक कुल 40 गीतक संकलन अछि जकर अंतिम गीतमे कवि अपन माता-पिताक नामोल्लेख करैत छथि।
गणनाथ झाक खर्रा कापीसँ उतार गेल 3 पद, जाहिमे तेसर खण्डित अछि।
महाभारत आदिपर्वक मैथिली गद्यानुवाद- 1907 ई. मे कएल गेल छल। एहिमे 20म शतीक आदिमे मैथिलीगद्यक स्वरूप स्पष्ट होइत अछि। ऋग्वेद-संहिताक मिथिलाभाषामध्य अनुवाद- 1912 ई.सँ आरम्भ भएल छल। एहिमे प्रथम मण्डलक 22 सूक्त धरि गद्यानुवाद अछि। एहिमे 20म शतीक आदिमे मैथिलीगद्यक स्वरूप स्पष्ट होइत अछि।
श्यामारूपक (ईहामृग)
शिवपार्वती नाटिका- एकर प्रथम प्रकाशन श्रीमती आद्याझाक संपादनमे हिन्दी प्रचार पुस्तकालय वाराणसीसँ 1959 ई.मे भेल छल।
डा. सर गंगानाथ झा प्रसन्नराघव नाटकक भावबोधिनी व्याख्या लिखने छथि, जाहिमे वैयाकरणप्रवर श्रीयदुनन्दन शर्मा टीकाकारक वंश परिचय संस्कृत 36 टा श्लोकमे लिखने छथि। ई अश मूल रूपमे एतए संकलित कएल गेल अछि।
विन्ध्यनाथ झा
हिनक कुल 17 पद संकलित अछि।
ई सन्दर्भ-पुस्तक थीक, जे संकलनीय आ पठनीय अछि।
पुस्तक-प्राप्तिक लेल प्रो.. यशोदानाथ झासँ सम्पर्क कए जा सकैत अछि।