Brahmi Publication

Top Menu

  • उद्देश्य
    • पुस्तक-प्रकाशन
    • पोथी, जे पढल
  • ई-प्रकाशन
  • लोक-वेद
    • पाबनि-तिहार
    • पूजा-पाठ
    • ज्योतिष-विचार
  • इतिहास
    • वाल्मीकि रामायण
    • धरोहर
  • मिथिलाक्षर
  • संस्कृत भाषा-शिक्षा
    • संस्कृत पाठमाला 7 – कारक, सामान्य परिचय
    • पाठ- 6. संस्कृत पाठमाला (प्राचीन पद्धति) संस्कृत भाषा में विशेष्य-विशेषण भाव सम्बन्ध
    • पाठ- 5. संस्कृत पाठमाला (प्राचीन पद्धति)
    • पाठ- 4. संस्कृत पाठमाला (प्राचीन पद्धति) सर्वनाम शब्दों के रूप
    • पाठ- 3. संस्कृत पाठमाला (प्राचीन पद्धति)
    • पाठ- 2. संस्कृत पाठमाला (प्राचीन पद्धति)
    • पाठ- 1. संस्कृत पाठमाला (प्राचीन पद्धति)
  • वैधानिक
    • बार-बार पूछे गये प्रश्न
    • गोपनीयता, नियम एवं शर्तें-
    • कूकी की स्थिति (Cookies)
  • पं. भवनाथ झा का परिचय
  • Contact
  • भुगतान एवं पुस्तक प्राप्ति

Main Menu

  • उद्देश्य
    • पुस्तक-प्रकाशन
    • पोथी, जे पढल
  • ई-प्रकाशन
  • लोक-वेद
    • पाबनि-तिहार
    • पूजा-पाठ
    • ज्योतिष-विचार
  • इतिहास
    • वाल्मीकि रामायण
    • धरोहर
  • मिथिलाक्षर
  • संस्कृत भाषा-शिक्षा
    • संस्कृत पाठमाला 7 – कारक, सामान्य परिचय
    • पाठ- 6. संस्कृत पाठमाला (प्राचीन पद्धति) संस्कृत भाषा में विशेष्य-विशेषण भाव सम्बन्ध
    • पाठ- 5. संस्कृत पाठमाला (प्राचीन पद्धति)
    • पाठ- 4. संस्कृत पाठमाला (प्राचीन पद्धति) सर्वनाम शब्दों के रूप
    • पाठ- 3. संस्कृत पाठमाला (प्राचीन पद्धति)
    • पाठ- 2. संस्कृत पाठमाला (प्राचीन पद्धति)
    • पाठ- 1. संस्कृत पाठमाला (प्राचीन पद्धति)
  • वैधानिक
    • बार-बार पूछे गये प्रश्न
    • गोपनीयता, नियम एवं शर्तें-
    • कूकी की स्थिति (Cookies)
  • पं. भवनाथ झा का परिचय
  • Contact
  • भुगतान एवं पुस्तक प्राप्ति
  • उद्देश्य
    • पुस्तक-प्रकाशन
    • पोथी, जे पढल
  • ई-प्रकाशन
  • लोक-वेद
    • पाबनि-तिहार
    • पूजा-पाठ
    • ज्योतिष-विचार
  • इतिहास
    • वाल्मीकि रामायण
    • धरोहर
  • मिथिलाक्षर
  • संस्कृत भाषा-शिक्षा
    • संस्कृत पाठमाला 7 – कारक, सामान्य परिचय
    • पाठ- 6. संस्कृत पाठमाला (प्राचीन पद्धति) संस्कृत भाषा में विशेष्य-विशेषण भाव सम्बन्ध
    • पाठ- 5. संस्कृत पाठमाला (प्राचीन पद्धति)
    • पाठ- 4. संस्कृत पाठमाला (प्राचीन पद्धति) सर्वनाम शब्दों के रूप
    • पाठ- 3. संस्कृत पाठमाला (प्राचीन पद्धति)
    • पाठ- 2. संस्कृत पाठमाला (प्राचीन पद्धति)
    • पाठ- 1. संस्कृत पाठमाला (प्राचीन पद्धति)
  • वैधानिक
    • बार-बार पूछे गये प्रश्न
    • गोपनीयता, नियम एवं शर्तें-
    • कूकी की स्थिति (Cookies)
  • पं. भवनाथ झा का परिचय
  • Contact
  • भुगतान एवं पुस्तक प्राप्ति

logo

Brahmi Publication

  • उद्देश्य
    • जानकीपूजाविधि, (जानकीसहस्रनाम सहित), लेखक- पण्डित श्री शशिनाथ झा

      May 3, 2022
      0
    • article by Radha kishore Jha

      वेद या वेदान्त प्रतिपाद्य धर्म क्या है?

      October 28, 2021
      0
    • धर्मायण के आश्विन अंक के डिजिटल संस्करण का हुआ लोकार्पण

      September 21, 2021
      1
    • Kadamon ke Nishan

      मानवीय संवेदनाओं को समेटती डा. धीरेन्द्र सिंह की मैथिली कविताएँ- "कदमों के ...

      September 6, 2021
      0
    • Krishna-janma cover

      मनबोधकवि कृत कृष्णजन्म (प्रबन्धकाव्य), डा. शशिनाथ झा द्वारा सम्पादित

      May 2, 2021
      0
    • Kirtilata cover

      विद्यापति कृत कीर्त्तिलता, डा. शशिनाथ झा द्वारा सम्पादित

      May 2, 2021
      1
    • विद्यापति कृत कीर्तिगाथा एवं कीर्तिपताका, डा. शशिनाथ झा द्वारा सम्पादित

      विद्यापति कृत कीर्तिगाथा एवं कीर्तिपताका, डा. शशिनाथ झा द्वारा सम्पादित

      May 2, 2021
      1
    • अपभ्रंश काव्य में सौन्दर्य वर्णन

      अपभ्रंशकाव्य में सौन्दर्य वर्णन -डॉ. शशिनाथ झा

      April 30, 2021
      1
    • डाकवचन-संहिता

      डाकवचन संहिता (टिप्पणी-व्याख्या सहित विशुद्ध पाठ, सम्पूर्ण)- डॉ. शशिनाथ झा

      April 30, 2021
      1
    • पुस्तक-प्रकाशन
    • पोथी, जे पढल
  • ई-प्रकाशन
  • लोक-वेद
    • Dayananda's merits

      ‘पितर’ के अर्थ में ‘अग्निष्वात्ताः’ शब्द का वास्तविक अर्थ क्या है?

      September 25, 2022
      0
    • Sanatana religion

      Hinduism versus Sanatana Dharma : Which of the two words is correct?

      May 10, 2022
      0
    • Krishnasthami

      ताही बीचै जनमल छोरा यानी उसी बीच छोरे श्रीकृष्ण का जन्म

      August 30, 2021
      0
    • सिरहर, सिरहड़

      मिथिलाक लोक-परम्परामे सिरहड़-सलामी

      August 7, 2021
      0
    • श्राद्ध-कर्म

      विपरीत परिस्थिति में श्राद्ध की शास्त्र-सम्मत विधि

      May 12, 2021
      0
    • डाकवचन-संहिता

      डाकवचन संहिता (टिप्पणी-व्याख्या सहित विशुद्ध पाठ, सम्पूर्ण)- डॉ. शशिनाथ झा

      April 30, 2021
      1
    • मिथिलाक प्राचीन सदाचार 01

      March 17, 2021
      0
    • Responsibilities of a Brahmana

      छठ का अर्घ्य- पण्डितजी की जरूरत क्यों नहीं?

      November 18, 2020
      1
    • Responsibilities of a Brahmana

      मैथिली लोकगीतों में नारी

      August 15, 2020
      0
    • पाबनि-तिहार
    • पूजा-पाठ
    • ज्योतिष-विचार
  • इतिहास
    • manuscript from Mithila

      गोनू झा व्यक्तित्व आ इतिहासक स्रोतक रूपमे पंजी-विमर्श

      August 7, 2023
      0
    • धूर्तराज गोनू कर्णाट शासनक कालक ऐतिहासिक पुरुष छलाह

      August 4, 2023
      0
    • सतीप्रथा

      भारत में सती प्रथा पर हंगामे के इतिहास की सच्चाई

      June 3, 2023
      1
    • Arya Samaj

      जॉन मुइर की ‘मतपरीक्षा’ तथा दयानन्द के ‘सत्यार्थप्रकाश’ का ‘साइड इफैक्ट’

      May 21, 2023
      0
    • bipra-dhenu--

      भारतीयों का वेद 'रामचरितमानस'

      March 15, 2023
      0
    • Vritta Muktavali of Maithil Durgadatta

      मैथिल दुर्गादत्त ओ हुनक छन्दःशास्त्रीय ग्रन्थ 'वृत्तरत्नावली'

      September 23, 2022
      1
    • Lalkrishna Advani on Maithili language

      मैथिली आ अंगिका पर लालकृष्ण आडवानी की बाजल रहथि

      September 22, 2022
      0
    • mithila map

      मिथिला आ ओकर अस्मिताक निर्धारक तत्त्व

      August 31, 2022
      0
    • the terrible mistake of the renaissance

      19वीं शती के रिनेशाँ की वह भयंकर भूल...

      June 26, 2022
      0
    • वाल्मीकि रामायण
    • धरोहर
  • मिथिलाक्षर
  • संस्कृत भाषा-शिक्षा
    • संस्कृत पाठमाला 7 – कारक, सामान्य परिचय
    • पाठ- 6. संस्कृत पाठमाला (प्राचीन पद्धति) संस्कृत भाषा में विशेष्य-विशेषण भाव सम्बन्ध
    • पाठ- 5. संस्कृत पाठमाला (प्राचीन पद्धति)
    • पाठ- 4. संस्कृत पाठमाला (प्राचीन पद्धति) सर्वनाम शब्दों के रूप
    • पाठ- 3. संस्कृत पाठमाला (प्राचीन पद्धति)
    • पाठ- 2. संस्कृत पाठमाला (प्राचीन पद्धति)
    • पाठ- 1. संस्कृत पाठमाला (प्राचीन पद्धति)
  • वैधानिक
    • बार-बार पूछे गये प्रश्न
    • गोपनीयता, नियम एवं शर्तें-
    • कूकी की स्थिति (Cookies)
  • पं. भवनाथ झा का परिचय
  • Contact
  • भुगतान एवं पुस्तक प्राप्ति
  • सनातन धर्म में बहुदेववाद बनाम धार्मिक स्वतंत्रता

  • क्या सनातन धर्म में बदलाव सम्भव नहीं है?

  • जॉन मुइर की ‘मतपरीक्षा’ तथा दयानन्द के ‘सत्यार्थप्रकाश’ का ‘साइड इफैक्ट’

  • छठ का अर्घ्य- पण्डितजी की जरूरत क्यों नहीं?

  • छठि परमेसरीक स्वरूप आ कथा

पाबनि-तिहारलोक-वेद
Home›पाबनि-तिहार›सामा-चकेबाक सम्पूर्ण कथा

सामा-चकेबाक सम्पूर्ण कथा

By Bhavanath Jha
September 12, 2019
495
0
Share:
Sama in Mithila

सामा-चकेबाक सम्पूर्ण कथा कतहु ने तँ पुराणमे भेटैत अछि आ ने लोककथे मे। एकर मूल स्रोत भविष्य-पुराणक सूर्योपासनाक प्रसंगमे अछि, मुदा मिथिलामे प्रचलित बहुत रास विधिक आलोकमे ओकर व्याख्या नहिं भए पबैत छैक, तें बुझाइत अछि जे कतहु ने कतहु ओ अंश छुटल अछि जे पारम्परिक विधि-विधानकें कथाक संग जोडैत हो।

भविष्यपुराणक ब्राह्मपर्वमे साम्बक शापक कथा तँ अछि, मुदा ओहिमे कुष्ठरोग होएबाक कथा आ सूर्यक उपासनासँ ओकर मुक्तिक कथा विस्तारसँ देल गेल अछि।

एही विन्दुपर आबि कथाक दिशा बदलि जाइत अछि आ कुष्ठरोगक स्थान पर तिर्यक् योनिमे जन्म लेबाक बात आबि जाइत अछि आ साम्बाक द्वारा ओहि शापसँ मुक्त करएबाक कथा जुडि जाइत अछि। ई विशुद्ध लोककथा थीक आ शापक कारणें पशु-क्षीक .योनिमे जन्म लेबाक बात कहल गेल अछि। तें मिथिलामे प्रचलित कथा, ओकर विधि-विधानक तारतम्यता आ भविष्यपुराणक कथा, एहि तीनू कें एकठाम जोडि देला पर सम्पूर्ण कथाक स्वरूप बनैत अछि।

सम्पूर्ण कथा

जखनि भगवान् कृष्ण द्वारकाधीश छलाह तखनि हुनक पत्नी जाम्बवतीसँ जेठ बेटी साम्बाक जन्म भेल आ तकर बाद हुनक छोट भाए साम्बक जन्म भेल। एक दिन भगवान् कृष्ण कनात लगाए अपन रानी सभक संग रास रचबैत रहथि। साम्ब बच्चा रहथि तें ओ किछु बुझैत नहिं छलाह। ओ कनात हटाए भीतरक दृश्य देखि लेलनि। ई बात कृष्ण कें चुगिला कहि देलक। एहि पर क्रोधित भए ओ साम्बकें पशु-पक्षीक रूपमे तिर्यक् योनिक शरीर धारण करबाक शाप देलनि। ओकर प्रभावसँ साम्ब पशु अथवा पक्षी भए गेला।

हुनक बहिन साम्बा अपन भाइक एहि शापसँ मर्माहत भेलीह आ हुनका पुनः मानव शरीरक रूपमे अनबाक लेल वृन्दावन जाए सप्तर्षिक सेवा करए लगलीह। हुनका भरोस रहनि जे मुनि जखनि प्रसन्न हेताह, तखनि हुनकासँ वरदानक रूपमे अपन भाइक शाप-मुक्तिक उपाय पूछब।

इहो समाचार चुगिला कृष्ण कें कहि देलक जे सामा वृन्दावन भागि गेलीह आ एक मुनिक आश्रममे रहैत छथि। ओ ताहि स्वर मे कहलक जाहिसँ सामा पर कलंक लागल आ कृष्ण फेर सामा कें सेहो तिर्यक् योनि अर्थात् पशु-पक्षीक योनिमे चल जेबाक शाप देलनि। सामाक पति सेहो भगवान् शिवक कृपासँ पक्षी योनिमे स्वेच्छासँ चल गेलाह, जाहिसँ ओ अपन पत्नीक संग सुखभोग कए सकथि।

आब सामा साम्ब आ सामाक पति पशु-पक्षी भए गेलाह। एक दोसरा कें बुझलो नै रहनि जे कोन रूपमे ओ जन्म नेने छथि। सामा मुनिक सेवा करिते रहलीह, मुदा अपन भाइक खोज सेहो करैत रहलीह। सुगा, मैना, चकबा, गाय, वरद, सभक ध्यान राखए लगलीह जे एहि रूप मे हमर भाए भए सकैत छथि। साम्ब सेहो अपन बहिन आ बहिनोय कें तकैत रहलाह। एहिना कतोक वर्ष बीति गेल।

एक दिन वृन्दावनमे आगि लागि गेल। साम्ब एतबा जनैत रहथि जे हमर बहिन-बहिनोय कोनो ने कोनो रूपमे एही वृन्दावन मे छथि तें ओ हुनका दूनू कें बचएबाक लेल वृन्दावनक आगि मिझौलनि। तैयो सामा नै भेटलथिन।

मुदा दूनू भाइ-बहिनक एहन स्नेह आ एक दोसराक लेल अनुराग देखि कृष्णकें दया भेलनि। ओ अपन शाप कार्तिक पूर्णिमाके आपस लए लेलनि। तखनि दूनू भाइ-बहिन अपन अपन स्वरूपमे आबि गेलीह। जाहि चुगिलाक कारणें ई सभटा घटना घटल, ओकरा फाँसी देल गेल। साम्ब आ साम्बा एक दोसरक संग रहए लगलीह।

कथाक विवेचन आ विधि-विधानक संग ओकर सम्बन्ध

एही शाप-विमोचनक उपलक्ष्यमे सामा-चकेबाक पाबनि मनाओल जाइत अछि। तें एहिमे माँटिक पशु-पक्षीक आकृति बनाए ओकरा एहि दिन तोडल जाइत अछि। शापक अवधिमे सामा आ साम्ब जाहि जाहि स्वरूपमे रहल होएताह ओकरा तोडि देल जाइत अछि। ओहि अवधिक स्मृतिकें बिसरि जेबाक ई विधि थीक।

चुगिलाक मोंछमे आगि लगाओल जाइत अछि। ई ओकरा देल गेल दण्डक प्रतीक थीक।
वृन्दावन मे आगि लगबाक घटनाक झाँकी देखाओल जाइत अछि।
सामाक स्वरूप सभमे कचबचिया, बाटो-बहिनो, सिरी-सामा (श्रीसाम्ब) सतभैंया, हाँस-चकेबा, सुगा, ढोलिया-बजनियाँ, बन-तितर, पौती, चुगिला, वृन्दावन आदि नामकरण कए मूर्ति सभ बनाओल जाइत अछि। चकबा आ सिरी सामा एकर मुख्य सामा थीक।

सामाक कथाक सभसँ प्रामाणिक आ लिखित रूप हमरालोकनिकें पं. सीताराम झाक पर्वनिर्णय नामक ग्रन्थ मे भेटैत अछि। चौगामा गामक वासी पं. झा 20म शतीक मिथिलाक प्रख्यात ज्योतिषी रहथि। हुनका द्वारा लिखल ई कथा निःसन्देह प्रामाणिक अछि।

मैथिलीक प्रख्यात कविवर एवं ज्योतिष शास्त्रक प्रकाण्ड विद्वान् सीताराम झाक द्वारा कहल गेल सामा चकेबाक कथा

कार्तिक में स्त्रीवर्ग-सामा-चकैबाक खेलि करै छथि तकर कथा पद्मपुराणमे एहि प्रकार अछि जे -भगवान् श्रीकृष्ण कैं जाम्बवती स्त्री मे साम्ब नामक पुत्र ओ सामा नामक कन्या छलथिन्हि- जनिक विवाह चारुवक्त्र सँ भेल छलन्हि। सामा कें वृन्दावनमे अधिक स्नेह छलन्हि ते ओ गुप्तरूप सँ नित्य वृन्दावनमे आबि सप्तर्षि लोकनिक स्थान मे कथा-पुराण सुनि पुन: अपना घर जाइ छली।
ई बात चूड़क नामक एक शूद्र श्रीकृष्णक ओते चुगली कै देलक जे “महाराज, अपनेक कन्या (सामा) नित्य रातिकऽ वृन्दावन जाइ छथि”।

ई कथा सूनि भगवान् कृष्ण सामा केँ शाप देलथिन्हि जे- “तों हमरा लोकनिक आज्ञा विना वृन्दावन जाइ छें तें पक्षी रूप भै वृन्दावन मे वास कर।”
एहि प्रकार कृष्णक शाप (सराप) सँ सामा चकावाकी (चकबी) पक्षीक रूप भै वृन्दावन मे रहै लगलीह। हुनक स्वामी (चारुवक्त्र) बहुत दुखी भै तपस्या सँ महादेव के प्रसन्न कै वर मङ्गलन्हि जे- ”हे शंकर, हमर परम प्रिया स्त्री कृष्णक शाप सँ पक्षी रूप भै गेल छथि तै हमरहु पक्षीक रूप बनाय देल जाय जाहि सँ हम अपन स्त्रीक संग वृन्दावन में सुखभोग करी।” महादेव प्रसन्न भै हुनका चक्रवाक (चकवा) पक्षीक रूप बनाय वृन्दावन पठाए देलथिन्हि।

एम्हर साम्ब अपन प्रिय बहिन ओ बहिनोयक ई समाचार सूनि हुनक उद्धारक हेतु भगवान् कृष्णक आराधना करै लगलाह। किछु दिन मे साम्बक सुश्रुषा देखि कृष्ण कहलथिन्हि जे “अहाँ की चाहै छी?’
ई सूनि साम्ब कहलथिन्हि- ” पिताजी, अपनेक शाप सँ हमर बहिन पक्षीक रूप मे भेलि छथि। जाहिसँ हम अत्यन्त दुखी भी छी, तेँ कृपा कै हमर बहिन ओ बहिनोय शाप सँ मुक्त भै पूर्वरूप होथि से कैल जाय”।

साम्बक ई कथा सुनि कृष्ण कहलथिन्हि जे हम एक चुगिलाक बात सुनि सामा कै शाप देल, वास्तवमे ओकर अपराध तेहन नहिं छलै।
आब शाप सँ छुटबाक उपाय ई अछि जे कार्तिक मास हमर परम प्रिय थिक। तैं कार्तिक कृष्णपक्षक पडिबा मेँ खढ़क वृन्दावन ओ सप्तर्षिक तथा सामा, चकबा ओ अहाँक माँटिक मूर्ति बनाए नित्य पूंजा कै तथा एक चुगिला (चूड़क) क मूर्ति बनाए नित्य ओकर मुँह झरकाय स्त्रीगण राति में गामक बहार खेत-खेत घुमाय खेलि करथि तथा कार्तिकी पूर्णिमा में विसर्जन कै अपना अपना भाइ कै मिष्ठान्न (दही चूड़ा चीनी आदि) भोजन कराबथि तँ सामा शापसँ मुक्त भै पूर्ववत् स्वरूप मे सुख भोग कै सकैछ।

भगवान् कृष्णक ई कथा सूनि साम्ब अपना देश भरिक स्त्रीगण सँ एहि प्रकार कार्तिक भरि सामा चकबाक खेलि करौलन्हि जाहिसँ सामा दूनू व्यक्ति शाप सँ मुक्त भै पूर्वरूप पाबि भाइ कें आशीर्वाद दै कहलन्हि जे- ” अहॉक आज्ञा सँ जे क्यो चुगिलाक मुँह डाहि, सप्तर्षि ओ हमर पूजा कैलन्हि ओ प्रति कार्तिक में करतीहि से अहीक सन भाए तथा सोहाग ओ सन्तान सँ भरल पूरल रहतीहि।
सामाक ई कथा सुनबाक चाही। (वर्तनी मूलरूपमे राखल गेल अछि।)

TagschakebaMithilaMithila culturesama
Previous Article

बाँधे मूँज जनेऊ साजे अथवा कांधे माँझ ...

Next Article

सांस्कृतिक ह्रासक एक विषय- श्राद्धकर्मक प्रति उदासीनताक ...

0
Shares
  • 0
  • +
  • 0
  • 0
  • 0
  • 0

Bhavanath Jha

मिथिला आ मैथिलीक लेल सतत प्रयासरत

Related articles More from author

  • Mithila Yantra
    इतिहासपर्यटन

    मिथिला की तीर्थयात्रा सम्बन्धी विवरण

    February 22, 2022
    By Bhavanath Jha
  • Mithila manuscript
    इतिहास

    A Text From Rudrayamala as the Source of the History of Mithila

    September 14, 2019
    By Bhavanath Jha
  • Jitiya Parva in Mithila
    पाबनि-तिहारलोक-वेद

    Jitiya, Jiutiya Vrat: “गौरीप्रस्तार” नामक ग्रन्थ सँ उद्धृत, मिथिलाक पारम्परिक जितिया व्रतकथा

    September 8, 2019
    By Bhavanath Jha
  • mithila map
    इतिहासमैथिली साहित्य

    दरभंगा शासनक दिससँ मैथिलीक लेल प्रयास आ सरकारक स्थिति- 1933ई.

    February 20, 2022
    By Bhavanath Jha
  • sama-chakeba ki kahani
    धरोहरपाबनि-तिहार

    सामा-चकेबा  : पक्षियों के संसार में मानवीय भावनाओं का लोक-पर्व

    November 9, 2022
    By Bhavanath Jha
  • Mithilakshar
    मिथिलाक्षर

    मिथिलाक्षर के विकास के लिए सरकारी स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता

    May 15, 2020
    By Bhavanath Jha

अहाँकें इहो नीक लागत

  • सरस्वती
    इतिहासपूजा-पाठ

    सरस्वती का वर्णन वेदों में भी विद्या की देवी के रूप में

  • बी.एच.यू की स्थापना
    इतिहासकंटक-शोधन

    क्या सच में बी.एच.यू. की योजना मालवीयजी की थी?- एक रहस्य का उद्घाटन।

  • नोनी लागल दिवाल
    इतिहास

    मिथिलामे नोनीक विनाशलीला आ ओकर व्यापार

  • Original sources of the history of Mithila
    इतिहास

    Tirhut, reported by Walter Hamilton

  • gold in patna Soil
    इतिहास

    पटना की मिट्टी में सोने की खदान, मिट्टी से सोना निकालने की घटना- रॉल्फ फिच की रिपोर्ट

कॉपीराइट की स्थिति

इस साइट का सर्वाधिकार पं. भवनाथ झा के पास सुरक्षित है। नियम एवं शर्तें लागू

सम्पर्क-

भवनाथ झा, Email: bhavanathjha@gmail.com whatsApp: 9430676240

शैक्षणिक उद्देश्य से कापीराइट की स्थिति

एहि वेबसाइटक सामग्रीक सर्वाधिकार पं. भवनाथ झा लग सुरक्षित अछि। शैक्षिक उद्देश्य सँ सन्दर्भ सहित उद्धरणक अतिरिक्त एकर कोनो सामग्रीक पुनरुत्पादन नहिं करी। जँ कतहु शैक्षिक उद्देश्यसँ सामग्री लेल जाइत अछि तँ ओहि वेबपृष्ठक URL सहित देल जा सकैत अछि।

  • उद्देश्य
  • ई-प्रकाशन
  • लोक-वेद
  • इतिहास
  • मिथिलाक्षर
  • संस्कृत भाषा-शिक्षा
  • वैधानिक
  • पं. भवनाथ झा का परिचय
  • Contact
  • भुगतान एवं पुस्तक प्राप्ति
Copyright: Bhavanath Jha- All rights Reserved, 2021