पटना रेलवे जंक्शन के ताँगा-स्टैंड के प्राप्त दो अभिलेख

इतिहास को सुरक्षित रखने में हमलोग बहुत पीछे रहे हैं। हम केवल अपना वर्तमान देखते हैं। एक ऐसी ही घटना पटना में भी घटी है।

तोड़ा जाता हुआ ताँगा-स्टैंड

यदि किसी कारण से ताँगास्टैंड को तोडना ही था तो कम से कम उस शिलालेख को बचाकर रखना चाहिए था। पटना में ही विशाल संग्रहालय है, वहाँ रखबा दिया जाता, ताकि हमारी आनेवाली पीढी अपने इतिहास से परिचित होती।

पटना रेलवे स्टेशन के सामने का ताँगास्टैंड तो तोड दिया गया, पर मेरे संग्रह में दो पुराने चित्र ऐतिहासिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं। दरभंगा के महाराज रमेश्वर सिंह ने 1928 ई. में यह ताँगा स्टैंड इरविन के पटना आगमन पर बनवाया था। यह पटना साइंस कालेज के उद्घाटन का अवसर था, जिसमें भाग लेने के लिए इरविन 15 नवम्बर, 1928 को पटना पहुँचे थे।

पटना रेलवे स्टेशन के सामने उत्तर का ताँगा स्टैंड, जिसपर यह अभिलेख था।
पटना में दरभंगा के महाराज रमेश्वर सिंह का अभिलेख

चार पंक्तियों में लिखे इस अभिलेख का पाठ इस प्रकार था-

TEXT

  1. S.P.C.A
  2. THE GIFT OF MAHARAJADHIRAJA SIR RAMESHVARA SINGH S.C.I.E.K.B.E. OF DARBHANGA.
  3. TO THE CITY OF PATNA IN COMMEMORATION OF THE VISIT OF BARON IRVIN OF KIRBY UNDER DALE G.M.S.L.
  4. C.M.I.E. VICEROY AND GOVERNOR-GENERAL IN NOVEMBER 1928.

यह अभिलेख प्रदर्शित करता है कि दरभंगा के महाराजा ने नवम्बर, 1928 ई.में पटना साइंस कालेज के उद्घाटन के अवसर पर लॉर्ड इरविन के स्वागत में एक ताँगा स्टैंड बनवाया था, जो बाद में ताँगा चलानेवालों को सौंप दिय गया।

अब केवल इतिहास बना

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