देवता आ पितरक लेल निरामिष, सामिष आ हविष्यान्नक सूची

पावनि-तिहार अबैत देरी बहुतो गोटे कें ई बुझबाक इच्छा रहैत छनि जे कोन वस्तु भक्ष्य थीक आ कोन अभक्ष्य।

धर्मशास्त्रमे भक्ष्याभक्ष्य-निरूपणक नामसँ प्रसंग आएल अछि।

मिथिलामे जे भक्ष्याभक्ष्यक विधान अछि तकर संकलन कृत्यसारसमुच्चयक सम्पादक पं. गङ्गाधर मिश्र नीक जकाँ कएने छथि। सहरसा जिलाक बनगामक वासी पं. गङ्गाधर मिश्र अपना कालक श्रेष्ठ विद्वान् रहथि। हुनक पुत्र डा. काशीनाथ मिश्र वर्तमानमे उद्भट विद्वानक रूपमे ख्यात छथि। पं. गङ्गाधर मिश्रक द्वारा टिप्पणी भागमे जे आमिष आ हविष्यान्नक विवेचन कएल गेल अछि से मैथिलीमे एतए प्रस्तुत अछि।]

बहुतो गोटे कें ई सूची देखला पर अनेक प्रकारक जिज्ञासा होएतनि; जे ई किए; आ ई किए नै- से प्रश्न उठतनि। हुनकालोकनिक लेल कोनो उत्तर नहिं।

पं. मिश्र जे लिखने छथि से हम उतारि रहल छी।

आमिष शब्दक सामान्य अर्थ अछि माँस; जे आमिष नहिं कहल जाइत अछि; से भेल निरामिष। मुदा शास्त्रमे आमिष शब्द पारिभाषिक थीक। किछु खाएवला वस्तु कें आमिषक संज्ञा देल गेल अछि।

एहिमे किछु अन्न, फल, मूल आदि सेहो छैक; तें शास्त्र मे जे-जे वस्तु आमिष अथवा सामिष मानि लेल गेल अछि; ओकर भिन्न वस्तु भेल-निरामिष।

तें एतए आमिषक अन्तर्गत राखल वस्तुक सूची दैत छी। जतए-जतए निरामिष भोजनक चर्चा छैक; ओतए एतेक वस्तु वर्जित बूझल जाए।

  1. कोनो जीव-जन्तुक हड्डी मिश्रित अथवा सूडा, पीलू आदि लागल कोनो वस्तु।
  2. डोका, सितुआ सँ बनाओल चून।
  3. चमडाक बनाओल बासन में राखल जल, जे विशेष रूपसँ मरुस्थल में व्यवहार होइत छल।
  4. जम्बीरी नेबो। एकरासँ भिन्न कमला, कागजी आदि नेबो पवित्र होइत अछि।
  5. बीजपूरक टाभ नेवो रूपमे प्रसिद्ध।
  6. उडीद। मुदा जँ ओ उडीद देवता अथवा पितर कें चढाओल गेल अछि; आ ओकर शेष भाग बचि गेल अछि; तँ ओ आमिष नहिं कहाओत। तें यज्ञसँ बँचल जे शेष उडीद से खाएल जा सकैत अछि।
  7. जे कोनो वस्तु आमिष कहल गेल अछि सेहो जँ विष्णु कें निवेदित कए देल जाए तँ ओहो निरामिष भेल।
  8. कोनो निरामिषो वस्तु जँ विष्णु कें निवेदित नहिं कएल गेल अछि तँ ओहो आमिष भेल।
  9. बदाम, गहूम आदिक ओरहा सेहो आमिष थीक। जेना केराव, बदाम आदि कें; जँ लत्ती अथवा गाछक संगहिं आगिमे झाडकाए देल जाए; तँ ओकरा आमिष मानल गेल अछि।
  10. जौ के ओरहा।
  11. मसुरी
  12. गाभिन गायक दूध।
  13. जाहि गायक बच्चा मरि गेल गेल हो तकर दूध।
  14. महिंसक दूध, दही घी इत्यादि सभ वस्तु।
  15. बकरी आ भेडीक दूध इत्यादि सभ वस्तु।
  16. जे गाय अपन बच्चा कें दूध पियबैत हो; अपवित्र वस्तु नहिं खाइत हो; दोसराक बच्चा कें दूध नै पियाबैत हो; ओकरा थनमे कोनो नै रहैक रोग रहैक ओकरे दूध आदि हविष्य थीक। एहिसँ भिन्न गायोक दूध आमिष थीक।
  17. मनुष्यक दूध।
  18. उसना चाउर।
  19. मूर (लहसुन, पियाजु, गाजर आ मूर सभकें एके कोटिमे राखल गेल अछि।)
  20. बोडा, कुरथी, कोदो, मडुआ, आंसु धान, ई सभ आमिष थीक।
  21. गुड़। प्राचीन काल मे कुसियारक रस दए पकवान आदि बनैत छल। जेना “कृत्यकल्पतरु” आदिमे सूर्यक प्रसादक रूपमे ‘कासार’ आ ‘सितासार’ आदिक निर्माण विधिमे देल अछि। बादमे गुडक व्यवहार होमए लागल। गुड जँ अपना ओतए पवित्रतापूर्वक बनाओल जाए; तँ व्यवहार कएल जा सकैत अछि। वर्तमान मे चीनी अपवित्र तथा गुड पवित्र मानि लेल गेल अछि।

हविष्य वस्तुक सूची

जाहि खाद्य पदार्थसँ हवन कएल जेबाक विधान अछि; से भेल हविष्य।एकर सोझ अर्थ छैक जेकर व्यवहार देव-पितरक काजमे हो, माने पवित्र खाद्य पदार्थ भेल हविष्य। शास्त्रमे बहुतो खाद्य पदार्थक निषेध कएल गेल अछि।

ओकरा सामिष कहि माँसक समान मानि वर्जित कएल गेल अछि। बहुत एहन वस्तु अछि; जेकर ने तँ निन्दा अछि आ ने निषेध।

मुदा बहुत खाद्य पदार्थक प्रशंसा कएल गेल अछि, विधान कएल गेल अछि; तें एहेन जे विहित खाद्य पदार्थ से भेल हविष्य। एकर सूची मिथिलाक परम्परामे कतेको धर्मशास्त्री देने छथि। एतए पं. गंगाधर मिश्रक देल गेल सूची संकलित अछि। प्रसिद्ध धर्मशास्त्रीय निबन्धकार अमृतनाथक ग्रन्थ कृत्यसारसमुच्चयक परिशिष्ट भागमे पं. गङ्गाधर मिश्र ई सूची देने छथि।)

  • अगहनी धानक चाउर, जे उसिनल नै गेल हो।
  • जाहि धानक भुस्सा आ गूडा उज्जर हो से उत्तम, जकर भुस्सा तँ उज्जर हो मुदा चाउर लाल हो; से मध्यम, आ जकर भुस्सा आ गूडा दूनू लाल हो से हविष्य नहिं थीक।
  • खेरही, तिल, जौ, केराव, काउनि, ओरही (ओइरी जे बिना बाओग केने चर आदि मे उपजैत हो, आ अधपकुएमे झडि जाइत हो।)
  • बथुआ, हिलमोचिका, सरहँची, करमी साग, कञ्चूक पात। पुदीना सेहो ईरानसँ अएबाक कारणें पवित्र खाद्य नहिं थीक।
  • शतावरी आदि कंद, केउँआक कन्द, आरु, खम्हारु। कन्दमे आलू सेहो प्राचीन परम्पराक अनुसार हविष्यान्न नहिं थीक।
  • सिंधा नोन आ समुद्री नोन हविष्य थीक।
  • गायक दही आ घी। गायोक दूध ताबते धरि हविष्य थीक जा धरि ओहिसँ मक्खन (नेनु) आदि निकालल नै गेल हो।
  • गायक घीक अभावमे तिलक तेलक दीप जरएबाक विधान अछि मुदा महिंसक घीसँ नहिं।
    कटहर, आम, केरा, हरीर, पीपरि, जीर, धनी, सोंठि, तेतरि, केरा, हरफा, धात्री, एतेक हविष्य थीक।
  • मिसरी हविष्य थीक, मुदा गुड आमिष थीक।
  • विना तेलक पकाओल अर्थात् भूजल हविष्य सेहो आमिष थीक; मुदा गायक दूधमे रान्हल अथवा जलमे उसिनल. पायस, भात आदि हविष्यान्न थीक।
  • बदाम (चना), राहरि, उडीदक दालि,
  • गहूम ने तँ आमिष थीक आ ने हविष्यान्न, मुदा; जौक बदलामे गहूमक व्यवहार कएल जाए से उल्लेख भेटैत अछि। सत्यनारायणक कथा गहूमक व्यवहारक उल्लेख भेटैत अछि।
  • हविष्यान्न मे जौ सभसँ ऊपर। तकर बाद गम्हरी आ तकर बाद अगहनी धान- ई क्रम अछि
  • कार्तिक मे तँ एहूमे सँ बहुत रास हविष्य वस्तु कें अभक्ष्य मानल गेल अछि।
  • मरीच हविष्य नहिं थीक।

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