बिहारमे 1934ई.क भूकम्प आइयो अपन नामहिसँ भय उत्पन्न कए दैत अछि। सम्पूर्ण उत्तर बिहार एहि भूकम्पक चपेटमे पड़ि गेल छल आ व्यापक रूपसँ धन-जनक क्षति भेल रहैक। गाँधीजी एहेन परिस्थितिमे उत्तर बिहारक यात्रा कएलनि। अपेक्षा छल जे एहि ठामक जनताक सहायताक लेल ओ किछु ठोस काज करितथि मुदा स्थिति एकर विपरीत रहल।
सन्दर्भ : Reports Regarding Mr. Gandhi's Tour through Certain Provincials in Connection With the Herijan Movement, and Collection of Funds by Him., HOME_POLITICAL_NA_1934_NA_F_50-1, National Archives of India
ओ बिहारक अनेक स्थान पर घुमलाह, भाषण देलनि, चंदा एकत्र कएलनि। आरम्भमे घोषणा कएलनि जे जे किछु जमा होएत तकर आधा भूकम्प राहत कार्यक लेल लगाओल जाएत आ आधा हरिजन मदमे देल जाएत। मुदा अपन घोषणाक विपरीत जखनि 6,833 रुपया जमा भेल तँ 4,000 रुपया हरिजन फंडमे देलनि।
राहत कार्यक बात तँ छोड़ू, नीक बोल धरि नै कहल भेलनि। कमसँ कम 5 सभामे ओ बजलाह जे भूकम्प अस्पृश्यताक लेल देल गेल भगवानक दण्ड थीक।
मिथिलाक संग गाँधीक ई सम्पर्क सुखद नै रहल छल।
15 जनवरीकें ई भूकम्प आएल छल आ गाँधीजी एहि स्थितिमे संवेदना प्रकट करबाक लेल बिहारक यात्रा कएलनि।
ओहि समयक केन्द्र सरकारक गृह विभागक सचिव एम.जी. हॉलेटकेँ पटनासँ दिनांक 27 मार्च 1934ई. कें लिखल गेल पत्र संख्या डी.ओ. न. 128/-c के अनुसार गाँधीजी 15 मार्च केँ मोतिहारी मे रहथि। ओतए सदर आ ढाका पुलिस स्टेशनक अधिकार क्षेत्रमे मोटरसँ घुमि दोपहरिया धरि मोतिहारी घुरि अएलाह। ओतए जमा भेल लोकसँ भूकम्पक सम्बन्धमे एतबे कहलनि जे
‘ई तँ भगवानक देल अछि, एकर स्वागत करी। ओ कहलनि जे अहाँलोकनि एकरा एना मानू जे ई अस्पृश्यता केँ बढ़ाबा देबाक लेल देल गेल दण्ड थीक। संगहि ओ ओतए उपदेश देलनि जे शारीरिक रूपसँ जे सक्षम व्यक्ति छी हुनका भीख नै मँगबाक चाही।’
भूकम्प सनक विनाशकारी विपत्तिमे फँसल लोकक लेल महात्मा गाँधीक यैह उद्गार छल, बोल-भरोस छल। (पैरा 4.)
एतबे नै, 16 मार्च केँ ओ मुजप्फरपुर अएलाह आ ओतहु ओएह सभ बात दोहरौलनि जे मोतिहारी मे कहने रहथि आ तकर बाद ओही दिन पटना घुरि गेलाह। (अनुच्छेद 5)
एतबे नहिं, 20 मार्चकेँ पटना सिटीमे मंगल तालाबक कातमे 25,000 लोकक बीच एक सभाकें संबोधित कएलनि आ ओतहु भूकम्प पर अपन ओएह गाओल गीत दोहरौलनि। ओतहु ओ सभकेँ अपन सहायता अपनहिं करबाक शिक्षा देलनि। (पैरा 8)
ओतए ओ भूकम्प पीडितक सहायताक लेल केन्द्रीय राहत समिति आ हरिजन समितिक लेल ठीक ढंगसँ चंदा जमा नै होएबाक प्रसंग चर्चा कएलनि। रिपोर्ट कहैत अछि जे भूकम्प पीडितक सहायताक मान पर हुनका ओतए 1,600 रुपया चंदा भेलनि।
एकर बाद गाँधीजी दिनांक 26 मार्चकेँ दानापुरमे सभाकें संबोधत कए 26 कें मौन व्रत राखि 27 मार्चसँ उत्तर बिहारक फेर यात्रा कएलनि।
एहि बेर सोनपुर, मसरक, छपरा, मुजप्फरपुर, बेलसंड, सीतामढ़ी, दरभंगा,. मधुबनी, सुपौलक रास्तासँ मधेपुरा, भागलपुर, मुंगेर, होइत 4 अप्रैलकें पटना पहुँचलाह। एकर बाद मोकामा आ बाढ़ घुमि पुनः 8 अप्रैलकें पूर्णिया होइत आसाम गेलाह।
दिनांक 31 मार्चकेँ पुनः केन्द्र सरकारक गृह विभागक सचिव एम.जी. हॉलेटकेँ पटनासँ लिखल गेल पत्र संख्या डी.ओ. न. 128/-c मे लिखल गेल अछि जे एहि यात्राक क्रममे 26 मार्चकेँ दानापुरमे सेहो लगभग 15,000 लोकक भीड़कें संबोधित करैत ओ अपन पहिलुके तकिया-कलाम दोहरौलनि।
सभाकेँ संबोधित करबासँ पहिने हुनक शर्त छल जे जा धरि एक सभामे बजबाक लेल हुनका 1000 रुपया नै भेटतनि ता धरि ओ भाषण नै देताह। ओतय हुनका 500 रुपयाक थैली भेटल आ आश्वासन देल गेल जे सभा अंत भेला धरि शेष रुपया जुटि जाएत। तखनि ओ अपन वक्तव्य आरम्भ कएलनि।
26 मार्चकें दानापुरमे आयोजित एही सभामे ओ घोषणा कएलनि जे एहि क्रम मे जे धन-संग्रह होएत तकर आधा भाग भूकम्प पीडितक सहायताक लेल लगाओल जाएत आ आधा भाग हरिजनक लेल लगाओल जाएत। दानापुरक एहि सभामे 100 रुपया संग्रह भेलनि।
दिनांक 27 मार्च केँ सोनपुरमे लोकक आग्रह पर हुनका बाजए पड़ल तँ ओतहु ओ आत्मसम्मानक रक्षाक बात कहि भीख नै मङबाक उपदेश कएलनि। एहू सभामे 15 रुपया चंदा भेटलनि।
एही तिथिकेँ छपरामे जे सभा कएलनि ताहिमे 1 रुपया, 5 रुपया आ 10 रुपयाक टिकट लगा देल गेल। एहि सभामे 500 रुपयाक टिकट बिकाएल। ओ भूकम्पक विषयमे गओले गीत कहलनि आ भीड़सँ अपन योगदान देबाक अपील कएलनि। लगभग 15,000 लोकक भीड़ बेसम्हार भए गेल आ चंदा-संग्रहक काज असम्भव भए गेल। भीड़कें करीब एक घंटामे हँटाओल जा सकल।
दिनांक 30 मार्च केँ ओ सीतामढ़ीसँ मोटरसँ दरभंगाक लेल प्रस्थान कएलनि। दरभंगाक फूटबॉल मैदानमे सन्ध्यामे ओ पहुँचलाह। हुनक स्वागतक लेल महाराजाधिराज कामेश्वर सिंहक भाइ महाराज कुमार विश्वेश्वर सिंह आ यूरोपीयन मैनेजर मि. डेनबी रहथि। एतए यद्यपि लाउडस्पीकर लागल छल, मुदा ततेक हल्ला भए रहल छल जे गाँधीक आबाज केओ नै सुनि सकल।
31 मार्चकेँ ओ राजनगर पहुँचलाह आ तकर बाद साँझमे मधुबनी अएलाह। एतए सब-डिविजनक अधिकारी आ ए.एस.पी.सँ वार्ता कएलनि।
एतए किछु सनातनी लोकनि कारी झंडा देखा कए हुनक विरोध कएलनि।
अगिला दिन ओ मधुबनी सँ निर्मल्ली, भपटियाही, सुपौल होइत सहरसा गेलाह।
मुँगेरमे आयोजित सभामे श्रोताक सामान्य धारणा बनल जे ई भूकम्प-पीड़ितक सहायताक लेल नै, अपितु हरिजन-उत्थानक अपन एजेंडा लए घुमि रहल छथि।
उपर्युक्त अधिकारीक द्वारा दिनांक 6 अप्रैल कें लिखल पत्रक अनुसार एहि सभ सभामे किछु सए रुपया चंदा सेहो जमा कएलनि।
गाँधीजी बिहारक एहि यात्रामे कुल 6,833 रुपया 9 आना 1 पैसा जमा कएलनि। प्रारम्भमे ओ घोषणा कएने रहथि जे जमा रासिमेसँ ओ आधा भूकम्प राहत कार्यमे लगौताह। मुदा दिनांक 11 अप्रैल कें राँचीसँ लिखल गेल पत्र संख्या डी.ओ. नं. 138-सी.सी.क अनुसार ओ अंतमे मात्र 2, 833 रुपया 9 आना 1 पैसा भूकम्प राहत कार्यमे लगाए शेष 4 हजार रुपया हरिजन फंडमे राखि लेलनि। (पैरा 8)
एही यात्राक क्रममे 14 मईकें राँचीसँ पत्रांक डी.ओ. नं. 152-सी.सी. मे कहल गेल अछि जे प्रदेशक हरिजन कार्यालय द्वारा एकटा रिपोर्ट जारी कएल गेल जाहिमे कहल गेल जे गाँधीजीक द्वारा दरभंगा जिलासँ 729 रुपया 13 आना आ 1.5 पैसा चंदा जमा भेल जे हरिजनक विकासक लेल छल।
एहि प्रकारें हमरालोकनि देखैत छी जे 1934 ई.क विनाशकारी भूकम्पक स्थितिमे गाँधीजी बिहार आबि भूकम्प राहत कोषक नाम पर चंदा असूलि ओकर बंदरबाँट कएलनि।