दो कहानियाँ, महाराज लक्ष्मीश्वर सिंह की
2022-06-18
कहा जाता है कि वे जज साहब खुद इनके पास आये। हो सकता है कि इस बात में कुछ बढ़ा-चढाकर कहा जा रहा हो! बिट्ठो गांव के स्रोत से मेरे पास तक यह कहानी आयी है तो कुछ तो काव्यात्मकता होगी ही। आजकल जिसे ‘नमक-मिर्च लगानाʼ कहते हैं, उसे शिष्ट शब्दों में काव्यात्मकता कहते हैं, अतिशयोक्ति कहते हैं जो एक अलंकार है।Continue Reading