श्राद्ध-कर्म

यह सनातन धर्म की विशेषता है कि इसमें सभी विपरीय परिस्थितियों को देखकर विधान किये गये हैं। यहाँ विष्णु-पुराण से उन दस श्लोकों को उद्धृत किया जाता है, जिनमें यह उल्लेख है कि श्राद्ध किन किन रूपों में किया जा सकता है। यहाँ श्राद्ध के सात विकल्पों का उल्लेख हुआ है।Continue Reading

माता-पिताक मृत्युक उपरान्त सभ दिन एतेक कर्म हमरालोकनिक संस्कृतिमे अछि। श्राद्ध, प्रतिवर्ष एकोद्दिष्टश्राद्ध, पार्वण, प्रतिदिन तर्पण आ विशेष रूपसँ पितृपक्षमे तर्पण, दीपावलीक दिन उल्काभ्रमण आ ब्राह्मणभोजन, गया-श्राद्ध आ अन्य पवित्र तीर्थमे श्राद्ध।Continue Reading