श्राद्ध और पितृकर्म पर एक खुली बहस- सनातन धर्म हमें जोड़कर रखता है!
2023-10-02
एक विकल्प है- सनातन धर्म की अवधारणाएँ। वे अवधारणाएँ, जो वसुधैव कुटुम्बकम्, का उद्घोष करती हैं क्या वे क्या हमें फिर हमारे अकेलेपन को दूर नहीं कर सकती हैं! सनातन धर्म में कोई अकेला नहीं होता- निर्जन रेगिस्तान में भी उसके साथ देवता होते हैं, पितर होते हैं। देवता-पितर के बल पर वह हमेशा सदल-बल होता है, उसमें हिम्मत होती है, अकेले में भी वह भीड़ में होता है, ऐसी भीड़ में जहाँ उसके सारे के सारे रक्षक होते हैं। Continue Reading