पूर्वाभिमुख भए कुश सहित- ओम् तर्पणीयाः देवा आगच्छन्तु। ओम् ब्रह्मादयस्तृप्यन्ताम्। उत्तराभिमुख भए- ओम् सनकादय आगच्छन्तु। ओम् सनकादयस्तृप्यन्ताम्Continue Reading

माता-पिताक मृत्युक उपरान्त सभ दिन एतेक कर्म हमरालोकनिक संस्कृतिमे अछि। श्राद्ध, प्रतिवर्ष एकोद्दिष्टश्राद्ध, पार्वण, प्रतिदिन तर्पण आ विशेष रूपसँ पितृपक्षमे तर्पण, दीपावलीक दिन उल्काभ्रमण आ ब्राह्मणभोजन, गया-श्राद्ध आ अन्य पवित्र तीर्थमे श्राद्ध।Continue Reading

तीन प्रकारक जे रात्रि कालरात्रि, महारात्रि आ मोहरात्रि कहल गेल अछि ताहि में पहिल कालरात्रि दीपावली थिक। मिथिलामे ई गृहस्थक लेल महत्त्वपूर्ण अछि।Continue Reading