कतय छल विदेहक राजधानी मिथिला नगरी?
6 आंगुर पलभा गणनाक आधार पर 26.56505°N अक्षांशक थीक। 26.5952° N अक्षांश पर सीतामढीक जानकी मन्दिर अवस्थित अछि।Continue Reading
कंटक-शोधन मौर्यकालक एकटा विभाग छल जकर उद्देश्य छलेक जे जतए कतहु कोनो प्रकार उपद्रव भेल तँ ओतए पहुँचि समाधान करैत छल। एक प्रकारसँ ई Crime Control Department छल, जकर अपन न्यायालय सेहो छलैक।
आइ ने कवल मिथिलाक संस्कृति अपितु सम्पूर्ण भारतीय संस्कृतिकें अपमानित करबाक लेल अनेक प्रकारक लेखन कएल कएल जा रहल अछि। अतीतमे सेहो एहन लेखन अनेक स्तर पर कएल गेल छैक। 1858क बाद ब्रिटिश शासनक अन्तर्गत बहुत रास एहन सामग्री लिखाएल जकर उद्देश्य भारतमे सामाजिक सद्भाव कें बिगाड़ि कए शासन करब छलैक। भारतीय धार्मिक उदार परम्पराकें गलत ढंगसँ व्याख्या कए ओकरा हीन सिद्ध कए ईसाई धर्मक प्रचार सेहो एकर उद्देश्य छल। ब्रिटिश शासनक द्वारा एहि उद्देश्यक पूर्तिक लेल बहुतो भारतीय विद्वान् सेहो नियुक्त कएल गेलाह।
एखनहुँ वामपन्थ द्वारा बहुतो एहन कार्यक्रम चलाओल जा रहल अछि जाहिमे भारतीय ग्रन्थ सभक मनमाना व्याख्या कएल जा रहल छैक। एहन एहन दुर्भावनापूर्ण व्याख्याक उत्तर दैत भारतीय संस्कृतिक उदार परम्पराकें एतए स्पष्ट करब उद्देश्य अछि।
6 आंगुर पलभा गणनाक आधार पर 26.56505°N अक्षांशक थीक। 26.5952° N अक्षांश पर सीतामढीक जानकी मन्दिर अवस्थित अछि।Continue Reading
क्या वर्तमान जनकपुर मिथिला नगरी थी? इन्ही प्रश्नों पर प्रमाण के साथ एक विवेचनContinue Reading
भारतक इतिहासमे ई परम सत्य अछि जे यूरोपियन इतिहासकार लोकनि भारतक प्राचीन साहित्यक इतिहास के निर्णय करबामे न्याय नै कएने छथि।Continue Reading
जाहि बुद्धकें सनातन धर्मक मतावलम्बी सामाजिक सद्भाव बनाकए रखबाक लेल विष्णुक अवतार मानि लेलनि आ आदि शंकराचार्यक बाद हुनका भगवान् विष्णुक नवम अवतार मानि लेलनिContinue Reading
आधुनिक इतिहासकारलोकनि भ्रम पसारैत कहैत छथि जे मिथिलामे बुद्धक पूजा ब्राह्मण नहिं शूद्रक द्वारा कएल जाइत छल।Continue Reading