रवि दिन की सभ नहिं करी

मिथिला मे प्राचीनकालक सदाचारक लेल सरोज-सुन्दर नामक एकटा अति संक्षिप्त पोथी अछि, जाहिमे सभ वर्णक लेल किछु आचार पालन करबाक प्रसंग आएल अछि।

एहिमे सँ बहुतो एहन तथ्य अछि जे आइयो बूढलोकनिक मुँहसँ सुनैत छी। ओ लोकनि एकर पालनो करैत छथि।

मगध क्षेत्रक परम्परा अछि जे ओ लोकनि बृहस्पति दिन माछ-माँस नै खाइत छथि। मिथिलाक परम्परा मे रवि दिन ई वर्जित अछि। तेँ ई स्पष्ट अछि जे सरोज-सुन्दर नामक ग्रन्थ मिथिलाक अपन परम्पराक वस्तु थीक।

एहि ग्रन्थक आरम्भमे सभसँ पहिने कहल गेल अछि जे रवि दिन कोन कोन वस्तुक सेवन नै करी। एखर मूल श्लोक तथा अनुवाद एना प्रस्तुत अछि।

क्षौरं तैलं जलञ्चोष्णमामिषं निशि भोजनम्।

रतिं स्नानञ्च मध्याह्ने रवौ सप्त विवर्जयेत्।।2।।

ई सात टा काज रवि दिन नै करी- 1. केश कटाएब, 2. तेल लगाएब, 3. गर्म पानि, 4. मांस-भक्षण, 5. रातिकेँ भोजन, 6. मैथुन आ 7. मध्याह्न स्नान। एतए बुझबाक थीक जे पहिने लोक तीन बेर स्नान करैत रहथि। प्रातःकाल, मध्याह्न काल तथा सन्ध्या काल। एहि तीनू बेर स्नान कए सन्ध्या करैत रहथि। ई त्रिकाल स्नान आ सन्ध्याक विदान मिथिलेमे नहिं, सम्पूर्ण आर्यावर्त मे छल।

आमिषन्निम्बकाष्ठानि तप्तवारि हरीतकी।

तैलमामलकीस्नानं वर्जयेद्रविवासरे।।3।।

दोसर ठाम कहल गेल अछि जे 1. मांस भोजन, 2. नीमक दतमनि, 3. गर्मजल, 4. हरीतकी (हरीर) खाएब, 5. तेल लगाएब आ 6. धात्रीकेँ थकुचि माथमे लगाए स्नान ई काज रवि दिन नहि करी।

अन्यच्च

आमिषन्निम्बपत्राणि तप्तवारि तथा स्त्रियः।

सप्तजन्म भवेत्कुष्ठी भुक्त्वा च रविवासरे।।4।।

आन ठाम कहल गेल अछि जे- 1. मांस-भोजन, 2. नीमक पातक सेवन, 3. गर्म जल, 4. स्त्री-सेवन तथा 5. भोजन कए सात जन्म धरि कुष्ठ रोगसँ ग्रस्त होई।

धात्री-स्नानक विधान

उपर्युक्त वर्जनाक बीचसँ एकटा विशेष विज्ञान झलकैत अछि जे आमलकी अर्थात् धातरीकेँ थकुचि माथ पर लगाए स्नान करबाक प्रथा प्राचीन कालमे छल। एकरा धत्री-स्नान सेहो कहल गेल अछि। धर्मशास्त्रीय ग्रन्थमे एकर बड़ महत्त्व छैक। पद्मपुराणक उत्तर खण्डसँ धात्री-माहात्म्यक उल्लेख करैत वाचस्पत्यम् मे धात्रीशब्दक व्याख्या करैत कहल गेल अछि जे धात्री माय जकाँ रक्षा करैत छथि। एकरा थकुचि माथ पर लगाए सभ दिन स्नान करी। मुदा अमावस्या, अष्टमी, नवमी, रवि देन आ संक्रान्ति दिन एकर प्रयोग नहि करी।

1 Comment

  1. अपन मिथिला संस्कृती पूजा पद्धति में विशेष जानकारी अच्छी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *