chhathi vrat

छठ पर्व में भगवान् सूर्य की उपासना के साथ स्कन्द की माता षष्ठिका देवी एवं स्कन्द की पत्नी देवसेना इन तीनों की पूजा का महत्त्वपूर्ण योग है। इसी दिन कुमार कार्तिकेय देवताओं के सेनापति के रूप में प्रतिष्ठित हुए थे अतः भगवान् सूर्य के साथ-साथContinue Reading

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अयोध्या जन्मस्थआन

विक्रमादित्यक बनाओल मन्दिर जखनि ध्वस्त भए गेल तखनि 12म शतीमे गहड़वालक राजा गोविन्दचन्द्रक सामन्त अनयचन्द्र जन्मस्थान पर विशाल मन्दिर बनओलनि जेकर शिलालेख विवादित ढाँचा खसएबाक क्रम मे 6 दिसम्बर, 1992 कें भेटल छल।Continue Reading

Madan Mohan Temple inscription

जॉर्नल ऑफ एसियाटिक सोसायटी ऑफ बंगालक अंक संख्या 40, वर्ष 1871 ई. मे पृष्ठ संख्या 102 पर छोटानागपुरसँ प्राप्त तीन टा शिलालेखक सूचना देल गेल अछि। एकर लेखक रखालदास हालदार सैचित करैत छथि जे तत्कालीन छोटा नागपुर जिलासँ बहुत कम संख्यामे शिलालेख भेटबाक कारणें ई जे तीन टा लेख भेटल अछि से महत्त्वपूर्ण अछि।Continue Reading

रावण राक्षसक राजा छल। जातिसँ ब्राह्मण रहलाक बादो ओ आतंकवादीक सरगनाक सरदार छल। समस्त दण्डकारण्य धरि अपन सर-संबन्धी आ आतंकवादीक विस्तार कए हत्या, लूट आ अशान्तिमे संलिप्त छल, तें रामक हाथें मारल गेल।Continue Reading

मिथिलाक संस्कृतिमे, प्रतिदिन, विशेष रूपसँ कार्तिक मासमे, सभठाम, विशेष रूपसँ सिमरियामे, कल्पवासक अवधिमे गोसाञिक नामक पाठ करबाक आ सुनबाक परम्परा रहलैक अछि। एहि गोसाञिक नामक अन्तर्गत तीन टा स्तोत्रक पाठ होइत छलContinue Reading

Kesaria Stupa in Tirhut

पछवारि मिथिलामे अवस्थित केसरिया स्तूप एखनि बौद्ध पुरातात्त्विक केन्द्र मानल जाइत अछि, मुदा ओहिठाम सँ अतीतमे जे एकटा दशावतारक मूर्ति भेटल छल, ओहि पर शिलालेख सेहो छल, ताहि मूर्तिक कोनो उल्लेख बादमे नहिं भेटि रहल अछि। Continue Reading

Madhusudan Ojha from Mithila

पं. मधुसूदन शर्मा मैथिल आधुनिक भारतीय विद्वानों में अग्रगण्य माने जाते हैं। उन्होंने हमेशा भारतीय परम्परा की रक्षा के लिए अनेक ग्रन्थों की रचना की, जिनमें से कई आजतक अप्रकाशित हैं। 19वीं शती के अन्तिम समय से 20वीं शती के आरम्भ में उन्होंने इन ग्रन्थों की रचना की। Continue Reading

Mithila manuscript

मिथिला की गंगा के तट का माहात्म्य, चौमथ घाट एवं सिमरिया के सन्दर्भ में यह आलेख 2016 ई. में बेगूसराय, संग्रहालय के वार्षिकोत्सव के अवसर पर पढ़ा गया है)Continue Reading

हरिताली, तीज, मैथिली कथा

एक दिस आकक माला गूथल केश छनि आ दोसर दिस मूडीक हड्डीके माला माथ पर धारण केने छथि। एक दिस सुन्दर पटोर पहिरने आ दोसर दिस विना कपडा पहिरने छथि। एहन गौरी कें प्रणाम आ महादेव कें प्रणाम।Continue Reading