पाबनि-तिहार
-
मिथिलामे प्रचलित, वर्षकृत्यमे पारम्परिक रूपसँ उद्धृत जितिया व्रतक सम्पूर्ण कथाक मैथिलीमे अनुवाद
कैलासक रमनगर चोटी पर गौरी महादेवसँ पुछलखिन जे हम सुनए चाहैत छी से की अहाँ कहि सकैत छी? पार्वती कहलथिन- कोन व्रत कोन तपस्या ... -
Jitiya, Jiutiya Vrat: “गौरीप्रस्तार” नामक ग्रन्थ सँ उद्धृत, मिथिलाक पारम्परिक जितिया व्रतकथा
मिथिलाक पारम्परिक जितिया व्रतकथा (आधार ग्रन्थ- रुद्रधर कृत वर्षकृत्य, मीमांसकशिरोमणि जगद्धरशर्मपरिवर्द्धित एवं डा. पण्डित शशिनाथ झा द्वारा सम्पादित, उर्वशी प्रकाशन, पटना, 1998 ई. -
Durga Puja Havan: दुर्गापूजामे हवन केना करी?
नवमी दिन श्रीदुर्गासप्तशतीक नौ अथवा दश आवृत्ति समाप्त कए हवन करी। -
मिथिलामे छठि पूजा ओकर विधान आ परम्परा, संस्कृत कथा ऑडियोक संग
मिथिलामे छठिपूजाक कथा देल गेल अछि, जे भिनुसरका अर्घ्यक काल सुनल जाइत अछि. एतए ध्वन्यंकनक संग देल जा रहल अछि। -
मिथिलाक प्रसिद्ध पाबनि चौरचन पूजाक पारम्परिक पद्धति
भाद्र शुक्ल चतुर्थी तिथि कें व्रत-उपवास कए सन्ध्याकाल स्त्री अथवा पुरुष पूजा करथि। तेकुशा, तिल एवं जल लए- -
मिथिलाक चौरचन, भाद्र शुक्ल चतुर्थी कें चन्द्रमाक पूजाक इतिहास
चौठचन्द्र मिथिलाक विशिष्ट पर्व थीक जे आनठाम कतहु नहिं होइत अछि। एहिमे पकमान आ दहीक विशेष महत्त्व अछि। सन्तानक उन्नतिक कामनासँ चन्द्रमाक आराधना एहि ...