वाल्मीकीयरामायणे न केवलं द्वादशराशीनामुल्लेखः, अपि तु जन्मलग्नं विनिश्चित्य भावानामपि गणनायाः सङ्केतः प्राप्यते। ग्रहाणामुच्चैः नीचैश्च स्थानेषु अवस्थानमपि तत्र गणितम् । Continue Reading

पुनर्वसु नक्षत्र में रामनवमी के दिन ही श्रीराम का वनगमन हुआ था तथा उसी दिन उनका चौदह वर्ष पूर्ण हुआ। उसके अगले दिन पुष्य नक्षत्र के योग में उनका राज्याभिषेक हुआ। Continue Reading

राजनगर अभिलेख 02

राजनगर के सुप्रसिद्ध कालीमन्दिर में चार फलकों में लिखे गये कुल तीन शिलालेख हैं। इनमें से पहले शिलालेख में महाराज रमेश्वर सिंह ने महेश ठाकुर से लेकर सभी राजाओं का वर्णन करते हुए अपनी वंशपरम्परा का काव्यमय वर्णन किया है।Continue Reading

fort william College

मैथिली भाषाक सन्दर्भमे जँ देखल जाए तँ ग्रियर्सनसँ बहुत पहिने 1804 ई.मे जेम्स रोमर अपन आलेखमे एकरा महत्त्वपूर्ण स्थान देने छथिContinue Reading

Maharaja Rameshwar Singh

23 मई 1900 ई. कें दरभंगा महाराज रमेश्वर सिंह के केसर-ए-हिन्दक उपाधि भेटल रहए। ओहि दन ई उपाधि पओनिहार 30 व्यक्तिक सूची देल जा रहल अछि-Continue Reading

Mithila a nation in European Record

मिथिला आ मैथिलीक लेल आइ भलें संघर्ष करबाक स्थिति आबि गेल हो, हिन्दी एकरा उदरस्थ करबाक लेल हाथ-पएर मारि रहल हो, अंगिका, बज्जिका, भोजपुरी ई सभ भिनाउज करबाक लेल उताहुल हो, मुदा इतिहास इएह कहैत अछि जे 1822 ई.मे विदेशी विद्वान सभ मिथिला कें एकटा राष्ट्र आ मैथिली भाषा कें भारतक दस भाषामे सँ एक भाषा मानने छथि।Continue Reading

ड्यौढीक दृश्य

दरभंगा राज आ ओकर मधुबनी शाखाक द्वारा उत्सव सेहो तखनहिं मानल जाइत छल जखनि कि कोनो जनहित कार्य कएल जाए। यूरोपक रानीक जुबली मनाओल गेल तँ 14,000 रुपयाक चन्दा देनिहार राज परिवारक सदस्य सभ रहथि आ ओहिसँ कम्बल, अन्न आ खपड़ा बाँटल गेलैक। पोखरि खुनाओल गेल।Continue Reading

सरस्वती

सरस्वती वाणी की देवी के रूप में वैदिक साहित्य में भी वर्णित हैं और वहाँ उनकी उपासना करने का विधान किया गया हैContinue Reading

Sticky
अयोध्या जन्मस्थआन

विक्रमादित्यक बनाओल मन्दिर जखनि ध्वस्त भए गेल तखनि 12म शतीमे गहड़वालक राजा गोविन्दचन्द्रक सामन्त अनयचन्द्र जन्मस्थान पर विशाल मन्दिर बनओलनि जेकर शिलालेख विवादित ढाँचा खसएबाक क्रम मे 6 दिसम्बर, 1992 कें भेटल छल।Continue Reading

Madan Mohan Temple inscription

जॉर्नल ऑफ एसियाटिक सोसायटी ऑफ बंगालक अंक संख्या 40, वर्ष 1871 ई. मे पृष्ठ संख्या 102 पर छोटानागपुरसँ प्राप्त तीन टा शिलालेखक सूचना देल गेल अछि। एकर लेखक रखालदास हालदार सैचित करैत छथि जे तत्कालीन छोटा नागपुर जिलासँ बहुत कम संख्यामे शिलालेख भेटबाक कारणें ई जे तीन टा लेख भेटल अछि से महत्त्वपूर्ण अछि।Continue Reading