पाबनि-तिहार
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“गोसाञिक नाँओ” कार्तिक मासक सिमरिया कल्पवासमे विशेष रूपसँ पाठ होइत छल
मिथिलाक संस्कृतिमे, प्रतिदिन, विशेष रूपसँ कार्तिक मासमे, सभठाम, विशेष रूपसँ सिमरियामे, कल्पवासक अवधिमे गोसाञिक नामक पाठ करबाक आ सुनबाक परम्परा रहलैक अछि। एहि गोसाञिक ... -
हरितालिका व्रतक मैथिली कथा
एक दिस आकक माला गूथल केश छनि आ दोसर दिस मूडीक हड्डीके माला माथ पर धारण केने छथि। एक दिस सुन्दर पटोर पहिरने आ ... -
मिथिलामे हरितालिका व्रतक संस्कृत कथा
मिथिलाक परम्परानुसार हरितालिका व्रतक कथा संस्कृतमे अछि। ई मूल कथा जे संस्कृत भाषामे अछि से ऋषि-मुनिक वाणी थीक तें ओ शब्द सुनला-पढलासँ सेहो फल ... -
मिथिलामे हरितालिका व्रतक विधान
भाद्र शुक्ल तृतीयाकें प्रदोष कालमे सदा सुहागिन रहबाक कामना सँ नारी हरिताली व्रत करथि। भिनसरमे थोडबो काल जँ तृतीया अछि आ तकर बाद चतुर्थी ... -
अमावस्याक दिन सोमक योग- सोमवती अमावस्याक कथा आ मिथिलाक लोक-व्यवहार
सोमवारी अमावस्याक ई कथा स्पष्ट रूपसँ कहैत अछि जे ईश्वरक उपासना आ ओकर प्रभावक सन्दर्भमे जातिक कोनो विचार नै रहबाक चाही। ई कथा भारतीय ... -
माँ दुर्गा की पूजा सामाजिक समरसता को बढ़ाबा देता है, यहाँ कोई भेद-भाव नहीं
शक्ति शब्द किसी कार्य को करने के सामर्थ्य भाव दर्शाता है। शक्ति चूँकि स्त्रीलिंग शब्द है, इसमें क्तिन् प्रत्यय लगा हुआ है अतः प्राचीन ... -
दीपावली का माहात्म्य
दीपावली सम्पूर्ण भारतवर्ष में श्रद्धा एवं विश्वास के साथ मनाया जानेवाला प्रमुख पर्व है। इस दिन के साथ कई कथाएँ एवं ऐतिहासिक घटनाएं जुडी ... -
सामा-चकेबाक सम्पूर्ण कथा
सामा-चकेबाक सम्पूर्ण कथा कतहु ने तँ पुराणमे भेटैत अछि आ ने लोककथे मे। एकर मूलस्रोत भविष्य-पुराणक सूर्योपासनाक प्रसंग में अछि, -
हनुमानजीक धुजा गाड़बाक पूजा-पाठ
मिथिलामे सेहो बहुत गाममे पीपरक गाछ तर हनुमानजीक ध्वजाक स्थापित होइत अछि। ई ध्वज यद्यपि कोनो शनि अथवा मंगल दिनकें स्थापित कएल जा सकैत ... -
अगस्त्यसंहितोक्ता रामनवमीव्रतकथा
अथ कथा प्राप्ते श्रीरामनवमीदिने मर्यो विमूढधीः। उपोषणं न कुरुते कुम्भीपाकेषु पच्यते।।।1।।