दशमहाविद्या

मिथिलाक प्रसिद्ध पाबनि-तिहार एवं व्रत आदि स्रोत- ई सूची कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालयक पंचागक आधार पर बनाओल गेल अछि। श्रावण- साओन मासक व्रत-पर्व अशून्यशयन मौनापञ्चमी- कृष्णपक्ष, पंचमी तिथि, मनसा-देवी जागरण एवं पूजा मधुश्रावणी-पूजारम्भ- श्रावण कृष्ण पञ्चमी मधुश्रावणी व्रत एवं पूजा- श्रावण शुक्ल तृतीया नागपञ्चमी- श्रावण शुक्ल पञ्चमी शीतलापूजा- श्रावण शुक्लContinue Reading

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वस्तुतः छठि परमेसरीक आराधना आ कार्तिक शुक्ल सप्तमीकें सूर्यपूजा दूनू दू पाबनि थीक। छठि परमेसरीक आराधना रातिमे होइत अछि आ स्कन्दक जन्मदिनक अवसर पर हुनक पूजामे सूर्यकें सेहो अर्घ्य देबाक विधान अछि तें ई सभटा घोर-मट्ठा भए वर्तमान छठि पाबनिक स्वरूपमे आएल।Continue Reading

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छठ पर्व में भगवान् सूर्य की उपासना के साथ स्कन्द की माता षष्ठिका देवी एवं स्कन्द की पत्नी देवसेना इन तीनों की पूजा का महत्त्वपूर्ण योग है। इसी दिन कुमार कार्तिकेय देवताओं के सेनापति के रूप में प्रतिष्ठित हुए थे अतः भगवान् सूर्य के साथ-साथContinue Reading

मिथिलाक संस्कृतिमे, प्रतिदिन, विशेष रूपसँ कार्तिक मासमे, सभठाम, विशेष रूपसँ सिमरियामे, कल्पवासक अवधिमे गोसाञिक नामक पाठ करबाक आ सुनबाक परम्परा रहलैक अछि। एहि गोसाञिक नामक अन्तर्गत तीन टा स्तोत्रक पाठ होइत छलContinue Reading

हरिताली, तीज, मैथिली कथा

एक दिस आकक माला गूथल केश छनि आ दोसर दिस मूडीक हड्डीके माला माथ पर धारण केने छथि। एक दिस सुन्दर पटोर पहिरने आ दोसर दिस विना कपडा पहिरने छथि। एहन गौरी कें प्रणाम आ महादेव कें प्रणाम।Continue Reading

हरिताली, तीज, मैथिली कथा

मिथिलाक परम्परानुसार हरितालिका व्रतक कथा संस्कृतमे अछि। ई मूल कथा जे संस्कृत भाषामे अछि से ऋषि-मुनिक वाणी थीक तें ओ शब्द सुनला-पढलासँ सेहो फल भेटैत छैक…Continue Reading

हरिताली, तीज, मैथिली कथा

भाद्र शुक्ल तृतीयाकें प्रदोष कालमे सदा सुहागिन रहबाक कामना सँ नारी हरिताली व्रत करथि। भिनसरमे थोडबो काल जँ तृतीया अछि आ तकर बाद चतुर्थी भए जाइत छैक तैयो ओही दिन व्रत होएत। साँझमे जँ चौठ पडि जाइत छैक तँ कोनो हर्ज नै।Continue Reading

सोमवती अमावस्या व्रत एवं पूजा

सोमवारी अमावस्याक ई कथा स्पष्ट रूपसँ कहैत अछि जे ईश्वरक उपासना आ ओकर प्रभावक सन्दर्भमे जातिक कोनो विचार नै रहबाक चाही। ई कथा भारतीय परम्परामे जाति-निरपेक्षताक स्थिति स्पष्ट करैत अछि।Continue Reading

दुर्गापूजा

शक्ति शब्द किसी कार्य को करने के सामर्थ्य भाव दर्शाता है। शक्ति चूँकि स्त्रीलिंग शब्द है, इसमें क्तिन् प्रत्यय लगा हुआ है अतः प्राचीन काल से शक्ति की उपासना देवी के रूप में की जाती रही है।Continue Reading

दीपावली सम्पूर्ण भारतवर्ष में श्रद्धा एवं विश्वास के साथ मनाया जानेवाला प्रमुख पर्व है। इस दिन के साथ कई कथाएँ एवं ऐतिहासिक घटनाएं जुडी हुई है।Continue Reading