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मिथिलाक्षर पढ़बाक अभ्यास-माला 1
आनक लिखल मिथिलाक्षरकेँ पढ़बाक अभ्यास आवश्यक अछि, तेँ ई अभ्यास-माला हम आरम्भ कएल। एहि एक पत्र केँ पढ़ि कॉमेंट बॉक्समे अपन पाठ लीखि पठाबी ... -
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मिथिलाक्षर पढ़बाक अभ्यास-माला- 2
मिथिलाक्षर सिखबाक क्रममे केवल लिखब पर्याप्त नहिं होइत अछि। आनक लिखल अक्षर पढ़ल होएबाक चाही। एही उद्देश्यसँ हम एकटा अभ्यासमाला आरम्भ कएल अछि। -
मिथिलाक प्राचीन सदाचार 01
रवि दिन की सभ नहिं करी मिथिला मे प्राचीनकालक सदाचारक लेल सरोज-सुन्दर नामक एकटा अति संक्षिप्त पोथी अछि, जाहिमे सभ वर्णक लेल किछु आचार ... -
कैथी, तिरहुता आ मिथिलाक्षर
ई भ्रम स्वयं पसरल अथवा पसारल गेल- पसारल जा रहल अछि, से खोजक विषय थीक। जँ जानि बूझि कए ई भ्रम पसारल जा रहल ... -
छठ का अर्घ्य- पण्डितजी की जरूरत क्यों नहीं?
सच्चाई यह है कि छठपर्व की भी पूरे विधान के साथ पुरानी पद्धति है, पूजा के मन्त्र हैं, पूजा के समय कही जानेवाली कथा ... -
पटना की दीपावली
पटना में मिली-जुली संस्कृति है। मिथिला की संस्कृति के लोग भी रहते है। सब मिलजुल कर दीपावली मनाते रहे हैं। मिथिला के लोग गोधूलि ... -
अयोध्या में जन्मभूमि मन्दिर में मूर्ति कैसी थी?
यह एक प्रामाणिक उल्लेख मिलता है, जिससे स्पष्ट होता है कि जन्मभूमि पर प्राचीन काल में माता कौसल्या की गोद में बैठे श्रीराम की ... -
मैथिली लोकगीतों में नारी
जनक-याज्ञवल्क्य की धरती मिथिला एक ओर यजुर्वेद एवं शतपथ-ब्राह्मण की वैदिक परम्परा की भूमि रही है तो दूसरी ओर आगम-परम्परा में शक्ति-पूजन के लिए ...
Dhanvantari Jayanti
शिक्षाक क्षेत्रमे दरभंगा महाराज रुद्रसिंहक द्वारा कएल गेल काज
Archaeological Remains in Lohna Village
जितिया व्रतकथाक मैथिलीमे अनुवाद