Latest Articles
-
सनातन धर्म में बहुदेववाद बनाम धार्मिक स्वतंत्रता
सनातन धर्म पर उँगली उठाकर उसे बरबाद करने का एजेंडा चलाने वाले लोगों को भड़काते रहते हैं कि सनातन धर्म में 33 करोड़ देवी-देवता ... -
क्या सनातन धर्म में बदलाव सम्भव नहीं है?
सनातन धर्म में भी हर शताब्दी में समाज की आवश्यकता को देखते हुए हमारे सन्तों-महात्माओं ने परिवर्तन किया है। यहाँ उपासना-पद्धिते में आये परिवर्तन ... -
जॉन मुइर की ‘मतपरीक्षा’ तथा दयानन्द के ‘सत्यार्थप्रकाश’ का ‘साइड इफैक्ट’
जॉन मुइर की पुस्तक ‘मतपरीक्षा’ तथा दयानन्द के ‘सत्यार्थप्रकाश’ का ‘साइड इफैक्ट’ सन् 1868ई. की बात है। जॉन मुइर की पुस्तक ‘मतपरीक्षा’ का हिन्दी ... -
छठ का अर्घ्य- पण्डितजी की जरूरत क्यों नहीं?
सच्चाई यह है कि छठपर्व की भी पूरे विधान के साथ पुरानी पद्धति है, पूजा के मन्त्र हैं, पूजा के समय कही जानेवाली कथा ... -
छठि परमेसरीक स्वरूप आ कथा
वस्तुतः छठि परमेसरीक आराधना आ कार्तिक शुक्ल सप्तमीकें सूर्यपूजा दूनू दू पाबनि थीक। छठि परमेसरीक आराधना रातिमे होइत अछि आ स्कन्दक जन्मदिनक अवसर पर ... -
छठि पूजा विधि एवं व्रतकथा
सन्ध्याकाल नदी अथवा पोखरिक कछेर पर जाए अपन नित्यकर्म कए अर्थात् सधवा महिला गौरीक पूजा कए आ विधवा विष्णुक पूजा कए पश्चिम मुँहें सूर्यक ... -
मैथिलीमे छठि व्रतक मैथिल साम्प्रदायिक कथा
परम्परासँ व्रतकथा संस्कृतमे होइत अछि। एखनहु अनेक ठाम पुरोहित रहैत छथि आ ओ विधानपूर्वक पूजा कराए कथा कहैत छथिन्ह। जँ सम्भव हो तँ ओकरे ... -
मिथिलामे छठि पूजा ओकर विधान आ परम्परा, संस्कृत कथा ऑडियोक संग
मिथिलामे छठिपूजाक कथा देल गेल अछि, जे भिनुसरका अर्घ्यक काल सुनल जाइत अछि. एतए ध्वन्यंकनक संग देल जा रहल अछि। -
गोनू झाक खिस्सा- “सभ मधुरक जड़ि”
एक बेर गोनू झा भोज करबाक घोषणा कएलनि- ‘हम परसू भरि गामक लोककेँ अगबे मधुरक भोज खुआएब।’ गामक लोक जमानि फाँकब शुरू कए देलनि- ... -
गोनू झा व्यक्तित्व आ इतिहासक स्रोतक रूपमे पंजी-विमर्श
गोनू झाक व्यक्तित्व आ ओकर स्रोत मिथिलामे पंजी अछि। एहि पंजीमे 1. अपन नाम, 2. पिताक नाम 3. मूल गामक नाम, 4. प्रव्रजित गामक ... -
धूर्तराज गोनू कर्णाट शासनक कालक ऐतिहासिक पुरुष छलाह
धूर्तराज गोनू कर्णाट शासनक कालक ऐतिहासिक पुरुष छलाह म.म. परमेश्वर झा हिनक काल देवसिंहक समयमे मानैत छथि। मिथिलातत्त्वविमर्शमे ओ लिखैत छथि जे महाराज भवसिंह ... -
भारत में सती प्रथा पर हंगामे के इतिहास की सच्चाई
हमें पढ़ाया जाता है कि भारत में सतीप्रथा थी। पति की मृत्यु होने पर विधवा पत्नी को जिन्दा जला दिया जाता था। इसे एक ... -
सावधान! ‘मृत्युभोज’ के विरोध के नाम पर आपको तैयार किया जा रहा है धर्मान्तरण के लिए!
भारतीय अवधारणा है कि हमारे पूर्वज हमारी सभी क्रिया-कलापों को देखते हैं। वे समय-समय पर हमें आशीर्वाद देते हैं, हमारी गलतियों पर कुपित भी ... -
सुवन या सुअन शब्द का क्या अर्थ है?
हनुमान चालीसा में ‘संकर सुवन केसरी नंदन’ पंक्ति में सुवन शब्द के अर्थ को लेकर भी भ्रान्तियाँ फैल रही है। सुवन/सुअन शब्द का अर्थ होता ... -
भारतीयों का वेद ‘रामचरितमानस’
लाला बैजनाथ ने Modern Hindu Religion And Philosophy यानी आधुनिक भारतीय धर्म एवं दर्शन पर व्याख्यान दिया था। इस व्याख्यान के अंतर्गत उन्होंने तुलसीदास ...