हनुमानजी का जन्मस्थान कहाँ था?
हनुमानजी के जन्मस्थान के सम्बन्ध में वर्तमान झारखण्ड के गुमला जिला का दावा भी आधारहीन नहीं है। यहाँ आज भी सहस्र वर्षों से श्रीराम के अनुयायी बजरंग, हनुमान, पवन के गोत्र (टोटम) जाति वनवासीContinue Reading
19वीं शती के रिनेशाँ की वह भयंकर भूल…
बहुत दिन पहले की बात है। एक व्यक्ति को तीर्थयात्रा करने की इच्छा हुई। वह रास्ते में खर्च के लिए बहुत सारा धन जुटाकर तीर्थाटन के लिए मन बनाने लगा। सबसे पहले वह अपने गुरु के पास गया और उनसे पूछा कि गुरुजी, मुझे काशी जाने की इच्छा हो रहीContinue Reading
जब मिस उर्दू ने दरभंगा के मुंसिफ कोर्ट में श्रीमती हिन्दी के विरुद्ध मोकदमा दायर किया।
दरभंगा का मुंसिफ कोर्ट। अंगरेजों के जमाने में भारतीय जजों के कोर्ट को मुंसिफ कहा जाता था। 1873-74 का समय था। मुंसिफ कोर्ट में एक मुसलमान जज बैठे हुए थे। इसी समय मिस उर्दू रोती-बिलखती छाती पीटती हुई आयी। उसने अपील की- ‘हुजूर, श्रीमती हिन्दी मुझे बिहार से निकालना चाह रही है। मेरी फरियाद सुन ली जाये।ʼContinue Reading
दो कहानियाँ, महाराज लक्ष्मीश्वर सिंह की
कहा जाता है कि वे जज साहब खुद इनके पास आये। हो सकता है कि इस बात में कुछ बढ़ा-चढाकर कहा जा रहा हो! बिट्ठो गांव के स्रोत से मेरे पास तक यह कहानी आयी है तो कुछ तो काव्यात्मकता होगी ही। आजकल जिसे ‘नमक-मिर्च लगानाʼ कहते हैं, उसे शिष्ट शब्दों में काव्यात्मकता कहते हैं, अतिशयोक्ति कहते हैं जो एक अलंकार है।Continue Reading
शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग कैसा होना चाहिए?
इस प्रकार, वास्तविकता है कि शिवलिंग के निर्माण की विधि का भी एक शास्त्र है। अतः हम जिस-किसी भी स्तम्भ को शिवलिंग नहीं कह सकते हैं।Continue Reading
12 वीं शती के ग्रन्थ ‘कृत्यकल्पतरु’ में भी है ज्ञानवापी का उल्लेख
लिंग पुराण के इसी अंश को त्रिस्थलीसेतु में नारायण भट्ट ने ज्ञानवापी माहात्म्य में उद्धृत किया है। इसका अर्थ है कि 12वीं शती से पहले से वह कूप अविमुक्तेश्वर महादेव के दक्षिण भाग में अवस्थित था जो बाद में ज्ञानवापी के नाम से विख्यात हुआ और अविमुक्त महादेव विश्वेश्वर शिव के रूप में विख्यात हुए जो बाद में विश्वनाथ कहलाये।Continue Reading
ज्ञानवापी कूप का निर्माण किसने किया? इसके जल की क्या है महिमा?
भगवान् शिव ने स्वयं त्रिशूल से खोदकर ज्ञानवापी का निर्माण किया था। विश्वेश्वर शिवलिंग का अभिषेक के लिए स्वयं ईशान शिव ने अपने त्रिशूल से ज्ञानवापी का निर्माण किया था। स्कन्द पुराण में यह प्रसंग आया है कि एकबार ऋषियों ने स्कन्द से ज्ञानवापी की महिमा बतलाने के लिए कहा।Continue Reading
विश्वनाथ मन्दिर के बारे में अकबर का वह भाषण (1829 में प्रकाशित जहाँगीरनामा से), जो छुपा दिया गया
से व्यक्ति ने तुजुक ए जहाँगीरी का अनुवाद फारसी के स्रोत के आधार पर किया तथा उसे Memoirs Of The Emperor Jahangueir के नाम से 1829 ई. प्रकाशित कराया। इसका प्रकाशन ओरियंटल ट्रांसलेशन कमिटी के द्वारा कराया गया। डेविड प्राइस ने जिस संस्करण से अनुवाद किया था, वह 1040 हिजरी की लिखी हुई थी। मिस्टर मार्ले ने इसी आधार पर प्राइस वाली प्रति को प्रामाणिक माना है। उऩका मन्तव्य है कि इतनी शीघ्र प्रतिलिपि करते हुए कोई व्यक्ति अपने मन से प्रक्षिप्त अंश को जोड़कर लोगों को धोखा नहीं दे सकता है। जहाँगीरनामा के हिंन्दी अनुवादक व्रजरत्नदास ने काशी नागरी प्रचारिणी सभा से प्रकाशित जहाँगीर का आत्मचरित पुस्तक की भूमिका पृष्ठ संख्या 7 पर इन तथ्यों का स्पष्टीकरण दिया है।Continue Reading
सीताजी के वरदान से होती है हनुमानजी की पूजा
श्रीराम के बगल में बैठी हुई सीताजी ने इससे आगे का आशीर्वाद दे डाला कि हनुमानजी देवता के रूप में पूजित होंगे। जहाँ हनुमानजी का स्मरण किया जायेगा, वहाँ पेड़ों पर अमृत के समान फल लगेंगे, स्वच्छ जल का प्रवाह बहता रहेगा।Continue Reading
कतय छल विदेहक राजधानी मिथिला नगरी?
6 आंगुर पलभा गणनाक आधार पर 26.56505°N अक्षांशक थीक। 26.5952° N अक्षांश पर सीतामढीक जानकी मन्दिर अवस्थित अछि।Continue Reading
जानकी का जन्म कहाँ हुआ था? प्राचीन नगरी मिथिला कहाँ थी?
क्या वर्तमान जनकपुर मिथिला नगरी थी? इन्ही प्रश्नों पर प्रमाण के साथ एक विवेचनContinue Reading
प्रामाणिक ग्रन्थों में नहीं है दुर्गापूजा में देवी के आगमन एवं प्रस्थान का फल
माना जाता है कि शारदीय नवरात्र में भगवती का आगमन और प्रस्थान के दिन के अनुसार उस वर्ष फलाफल होता है।Continue Reading
पोथीमे विषय-सूची कोना बनाबी?
पोथी निर्माणक क्रममे एकटा समस्या अबैत छैक विषय-सूची बनाएब। एहिमे पृष्ठ संख्या लिखए पड़ैत छैक। जँ पोथी पैघ रहल आ लेखक बेर-बेर सामग्रीकेँ आगाँ-पाछाँ करबैत रहलाह, तखनि कम्प्यूटर पर पोथी तैयार कएनिहारकेँ सभ बेर विषय-सूची बनबए पड़ैत छनि, जाहिमे समय तँ लगिते अछि, सावधानी सेहो राखए पड़ैत अछि। एखनहुँ अधिकांशContinue Reading
पोथीमे शब्द-सूची केना बनाबी
कोना पोथी तैयार कएलाक बाद जँ ओ इतिहास विषयसँ सम्बद्ध रहैत अछि अथवा कोनो ज्ञान पाठ्य रहैत अछि तँ ओहि पोथीक शब्द-सूची बनाएब आवश्यक रहैत छै। ओ सूची पोथीक अंतमे देल रहैत अछि जाहिमे ई उल्लेख रहेत छै जे फलाँ शब्द एहि पोथीक अमुक पृष्ठ पर अछि। पुस्तक सूचीक आदर्श रूप एतए देखि सकैत छी-Continue Reading
Hinduism versus Sanatana Dharma : Which of the two words is correct?
Under this Sanatan Dharma, Vedas, Vedanga, Smriti, Agam, Purana, religious literature written in all folk languages and all the texts created in Sanskrit come together, which has had an effect on Indian society. In the following articles, we will see how the same principles have been originally formulated throughout this vast tradition.Continue Reading