दरभंगा महाराज लक्ष्मीश्वर सिंह द्वारा अकाल राहत कोष
1897 ई. में वेल्स सँ प्रकाशित समाचार पत्रमे कहल गेल अछि जे राज दरभंगाक द्वारा अकाल पीडित जनताक लेल 16,00,000 रुपया कएल गेल।Continue Reading
मिथिला आ मैथिलीक लेल सतत प्रयासरत
1897 ई. में वेल्स सँ प्रकाशित समाचार पत्रमे कहल गेल अछि जे राज दरभंगाक द्वारा अकाल पीडित जनताक लेल 16,00,000 रुपया कएल गेल।Continue Reading
शक्ति शब्द किसी कार्य को करने के सामर्थ्य भाव दर्शाता है। शक्ति चूँकि स्त्रीलिंग शब्द है, इसमें क्तिन् प्रत्यय लगा हुआ है अतः प्राचीन काल से शक्ति की उपासना देवी के रूप में की जाती रही है।Continue Reading
गंगा भारत की नदियों में श्रेष्ठ मानी गयी है। ऋग्वैदिक काल से आजतक इसकी महिमा गायी जाती रही है। यहाँ तक कहा गया है कि गंगा के जल को स्पर्श करनेवाली वायु के स्पर्श से भी सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।Continue Reading
इतिहास को सुरक्षित रखने में हमलोग बहुत पीछे रहे हैं। हम केवल अपना वर्तमान देखते हैं। एक ऐसी ही घटना पटना में भी घटी है।Continue Reading
विवेच्य पुस्तक कोइलख गामक सारस्वत परम्पराक इतिहास थीक। एहिमे 39 दिवंगत एवं 6 जीवित व्यक्तिक परिचयक संग हुनक कृतिक सूचना संक्षेपमे देल गेल अछि। Continue Reading
विवेच्य ग्रन्थमे म.म. डा. सर गंगानाथ झा द्वारा संकलित आ प्रकाशित गणनाथ-पदावली तथा विन्ध्यनाथ पदावली कें हुनक भूमिकाक संग अविकल रूपसँ संकलित कएल गेल अछि।Continue Reading
जहाँ एक गाय को बचाने के लिए दिलीप-जैसे प्रतापी राजा अपना शरीर तक त्याग कर देने की बात करें, वहाँ गाय को मारकर खाने की बात करना बकबास है।Continue Reading
आलोच्य पुस्तक दू भागमे अछि। पहिल भागमे लेखक अपन वंशावली, पारिवारिक सम्बन्ध लिखलाक उपरान्त चिकना गामक इतिहास आ वर्तमान स्थितिक विवरण देने छथि।Continue Reading
एहिमे दरभंगाक महाराज लक्ष्मीश्वर सिंहक द्वारा जनहितमे कएल गेल काजक उल्लेख भेल अछि। संगहि कहल गेल अछि जे दरभंगाक महाराजा बड़ नीक अंगरेजी बाजि लैत छथि आ अपन जनताक सुख सुविधाक ध्यान रखैत छथि।Continue Reading
विश्वकर्मा पूजा 17 सितम्बर को ही क्यों मनाया जाता है? हमारे सभी पर्व-त्योहार भारतीय पंचांगों के अनुसार मनाया जाता है, किन्तु विश्वकर्मा पूजा हम अंगरेजी कैलेंडर के अनुसार क्यों मनाते हैं ?Continue Reading