माँ दुर्गा की पूजा सामाजिक समरसता को बढ़ाबा देता है, यहाँ कोई भेद-भाव नहीं
शक्ति शब्द किसी कार्य को करने के सामर्थ्य भाव दर्शाता है। शक्ति चूँकि स्त्रीलिंग शब्द है, इसमें क्तिन् प्रत्यय लगा हुआ है अतः प्राचीन काल से शक्ति की उपासना देवी के रूप में की जाती रही है।Continue Reading
गंगा माता की उपासना धर्मशास्त्र एवं लोक-परम्परा के सन्दर्भ में
गंगा भारत की नदियों में श्रेष्ठ मानी गयी है। ऋग्वैदिक काल से आजतक इसकी महिमा गायी जाती रही है। यहाँ तक कहा गया है कि गंगा के जल को स्पर्श करनेवाली वायु के स्पर्श से भी सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।Continue Reading
पटना रेलवे स्टेशन का ऐतिहासिक ताँगा-स्टैंड और उस पर लिखा शिलालेख
इतिहास को सुरक्षित रखने में हमलोग बहुत पीछे रहे हैं। हम केवल अपना वर्तमान देखते हैं। एक ऐसी ही घटना पटना में भी घटी है।Continue Reading
कोइलख
विवेच्य पुस्तक कोइलख गामक सारस्वत परम्पराक इतिहास थीक। एहिमे 39 दिवंगत एवं 6 जीवित व्यक्तिक परिचयक संग हुनक कृतिक सूचना संक्षेपमे देल गेल अछि। Continue Reading
पण्डित गणनाथ झा रचनावली
विवेच्य ग्रन्थमे म.म. डा. सर गंगानाथ झा द्वारा संकलित आ प्रकाशित गणनाथ-पदावली तथा विन्ध्यनाथ पदावली कें हुनक भूमिकाक संग अविकल रूपसँ संकलित कएल गेल अछि।Continue Reading
गावो मे मातर: सन्तु
जहाँ एक गाय को बचाने के लिए दिलीप-जैसे प्रतापी राजा अपना शरीर तक त्याग कर देने की बात करें, वहाँ गाय को मारकर खाने की बात करना बकबास है।Continue Reading
चिकना गामक इतिहास-लेखन
आलोच्य पुस्तक दू भागमे अछि। पहिल भागमे लेखक अपन वंशावली, पारिवारिक सम्बन्ध लिखलाक उपरान्त चिकना गामक इतिहास आ वर्तमान स्थितिक विवरण देने छथि।Continue Reading
महाराज लक्ष्मीश्वर सिंहक द्वारा कएल गेल जनहित कार्य, 1888 ई.
एहिमे दरभंगाक महाराज लक्ष्मीश्वर सिंहक द्वारा जनहितमे कएल गेल काजक उल्लेख भेल अछि। संगहि कहल गेल अछि जे दरभंगाक महाराजा बड़ नीक अंगरेजी बाजि लैत छथि आ अपन जनताक सुख सुविधाक ध्यान रखैत छथि।Continue Reading
संसार के आदि शिल्पी विश्वकर्मा एवं उनकी मूर्ति, पूजा आदि का इतिहास
विश्वकर्मा पूजा 17 सितम्बर को ही क्यों मनाया जाता है? हमारे सभी पर्व-त्योहार भारतीय पंचांगों के अनुसार मनाया जाता है, किन्तु विश्वकर्मा पूजा हम अंगरेजी कैलेंडर के अनुसार क्यों मनाते हैं ?Continue Reading
मिथिलाक अष्टदल अरिपन
हमरालोकनि सभ केओ जनैत छी जे कोनो पूजामे मुख्य देवताक आवाहन एसकर नै होइत छनि। हुनक आवाहन अङ्ग देवता, अस्त्र-शस्त्र, वाहन एवं परिवारक संग होइत अछि।Continue Reading