हिन्दुत्व का विशाल वृक्ष और काटनेवाले कुल्हाड़े
हम भारत माता की संतान हैं। हम सिन्धु नदी के किनारे से चलकर पूरे भारत में फैले हुए हैं, तो हम सिन्धु से फैले सिन्दु हैं, हिन्दु हैं। हमारे हिन्दुत्व की व्याख्या हमारी ही धरती और पानी से हो सकती है। आरम्भ से लेकर आजतक हमें एक-दूसरे से जोड़कर रखने के लिए हमारे पूर्वजों ने बहुत प्रयास किया है। जबतक हम उन सभी प्रयासों को एक जगह तलहत्थी पर रखे आँवले की तरह नहीं देख पायेंगे हम हिन्दुत्व को पहचानने में भयंकर भूलकर बैंठेंगे।Continue Reading