भोजपुरी-संस्कृति फूहड़ नहीं, सनातन की कोमलता और मानवीयता से भरी-पूरी है- ‘धर्मायण’ पत्रिका, महावीर मन्दिर, पटना प्रकाशन
भोजपुरी-संस्कृति फूहड़ नहीं, सनातन की कोमलता और मानवीयता से भरी-पूरी है- ‘धर्मायण’ पत्रिका, महावीर मन्दिर, पटना प्रकाशन
आज भले हम भोजपुरी गीतों में अश्लीलता और फूहड़पन पाते हैं, पर यहाँ की मूल धारा कहीं से भी फूहड़ नहीं। सनातन संस्कृति की वहीं धारा यहाँ भी आज विभिन्न पर्वों और त्योहारों के अवसर पर हम देखते हैं। भैया-दूज की ही परम्परा लें तो हमें भाव-विह्वल कर देने वाली संस्कृति यहाँ देखने को मिलती है।Continue Reading