Sama in Mithila

सामा-चकेबाक सम्पूर्ण कथा कतहु ने तँ पुराणमे भेटैत अछि आ ने लोककथे मे। एकर मूलस्रोत भविष्य-पुराणक सूर्योपासनाक प्रसंग में अछि,Continue Reading

हनुमानजीक धुजा

मिथिलामे सेहो बहुत गाममे पीपरक गाछ तर हनुमानजीक ध्वजाक स्थापित होइत अछि। ई ध्वज यद्यपि कोनो शनि अथवा मंगल दिनकें स्थापित कएल जा सकैत अछि मुदा रामनवमी एवं हनुमान-जयन्तीकें स्थापित करब विशेष फलदायक होइत अछि।Continue Reading

Ramanavami Vrat-katha

सोना अथवा माँटिक प्रतिमा बनवा कए भोरेमे नित्यकर्म सम्पन्न कए आचमन करी। तकर बाद तामाक सराइ लए उत्तर मुँहें ठाढ भए सोना अथवा माँटिक प्रतिमा बनवा कए भोरेमे नित्यकर्म सम्पन्न कए आचमन करी। Continue Reading

रामनवमी-पूजा-पद्धति 01

एहि पद्धतिक दू टा पाण्डुलिपि हमरा लग उपलब्ध अछि। एकटामे कथाक संग संक्षिप्त पद्धति देल छैक आ दोसरमे कथाक संग विस्तृत पद्धति अछि।Continue Reading

एहि दिन मिथिलामे सभसँ पहिने आँगनसँ दरुखा धरि बाट निपबाक प्रथा अछि। भाव ई छैक जे भाइ बाहरसँ औताह तँ हुनका लेल बाट नीपि राखल जाए।Continue Reading

Sarasvati Puja in Mithila

सरस्वतीपूजा मिथिलामे बड प्रचलित अछि। घरे-घरे मूर्ति अथवा फोटोक पूजा होइत अछि। एहि दिन पुरोहितक सर्वथा अभाव रहैत अछि, कारण जे सभ केओ अपनहिं घरमे करए चाहैत छथि। एहि कारणें मैथिल परम्परासँ प्राप्त पूजाविधिक लोप भेल जा रहल अछि।Continue Reading

Ghanto-puja in Mithila

लगभग 2010 ई. धरि ई पूजा होइत हम देखने छी। एहिमे डमरूक आकारक माँटिक पाँच आकृति, माँटिक दिबारी जकाँ एक आकृति तथा ओकर ढक्कन जकाँ दोसर आकृति एहि प्रकारें कुल सात आकृति बनाए तीन दिन पूजा कएल जाइत छल।Continue Reading

kalash

पुराणों के अनुसार धनतेरस अमृत कलश के साथ भगवान् धन्वन्तरि की उत्पत्ति का दिन है। इस दिन लोग, विशेष रूप से वैद्य, भगवान् धन्वन्तरि की उपासना करते हैं और उनकी कृपा से सभी लोगों के स्वस्थ रहने की प्रार्थना करते हैं।Continue Reading