प्रेरक व्यक्तित्वक स्वामी- डा. बिनोदानन्द झा ‘विश्वबन्धु’
हिनक रचना ‘जीवन एक प्रयोगशाला’ हिनक आत्मकथा थीक जे घोर अभावक बीचसँ उठि सफलताक शिखर पर पहुँचबाक प्रेरणा दैत अछि। लेखक मिथिलामे ध्वस्त होइत उद्योग-धंधाक असहाय दर्शक छथि। Continue Reading
मिथिला की तीर्थयात्रा सम्बन्धी विवरण
‘रुद्रयामलसारोद्धार’ नामक एक ग्रन्थ में मिथिला की तीर्थयात्रा का वर्णन हुआ है। यह अंश अधूरा है तथा इसके आंतरिक विवेचन से यह 13वीं शती से 18 शती के बीच मिथिला में किसी ने लिखकर इसे रुद्रयामलसोरद्धार के नाम से प्रचारित किया है। इसमें कुछ स्थलों के प्राचीन नाम हैं, जिन्हें आधुनिक स्थानों से मिलाने पर सभी विवरण वास्तविक प्रतीत होते हैं। दिशानिर्देश के साथ मन्दिरों, तीर्य़ों तथा गाँवों का विवरण यहाँ मिलता है।Continue Reading
दरभंगा शासनक दिससँ मैथिलीक लेल प्रयास आ सरकारक स्थिति- 1933ई.
एतए स्पष्ट अछि जे एकटा मैथिलक दिससँ मैथिलीमे अनूदित करबाक लेल प्रस्ताव देल गेल मुदा जें कि एहि ठामक लोक हिन्दी सेहो बुझैत छल तें सरकारी आदेशसँ केवल हिन्दी भाषामे अनुवाद भेल।Continue Reading
राँची में आर्ट्स कॉलेज में छात्रावास की स्थापना में महाराज रमेश्वर सिंह का योगदान एवं उनके द्वारा रखी गयी शर्तें
लेकिन दरभंगा के महाराज रमेश्वर सिंह का यह अनुदान इस शर्त पर दिये गया थी कि बिहार के सनातनी छात्रों को इसमें प्रवेश में प्राथमिकता दी जायेगी। यहाँ ध्यातव्य है कि उन्होंने नाम जोड़ने की कोई शर्त नहीं रखी थी।Continue Reading
बीएचयू के प्रोफेसर रामाज्ञा शशिधर ने किया है लेखनी के साथ बलात्कार का प्रयास
प्रोफेसर रामाज्ञा शशिधर बीएचयू में हिन्दी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। मधुबनी से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र मैथिल पुनर्जागरण प्रकाश के सम्पादकीय…. Prof. Ramagya Shashidhar हिन्दी के प्रसिद्ध व्यङ्ग्यकार हरिशंकर परसाई ने ठीक ही कहा है- “हममें से अधिकांश ने अपनी लेखनी को रंडी बना दिया है, जो पैसों केContinue Reading
2022 ई. में मकर संक्रान्ति किस दिन मनाएँ? दिनांक 14 जनवरी को या 15 जनवरी को?
लेकिन अनेक आचार्यों का मत है कि यदि सूर्यास्त हो जाने के बाद संक्रमण हो तो अगले दिन पुण्यकाल माना जाना चाहिए। गणितीय स्थिति जो कुछ भी हो, हमें उन पूर्वाचार्यों के मत को सम्मान देना चाहिए। इस मत से 15 जनवरी को पुण्यकाल मध्याह्न से पूर्व रहेगा। जो जिस क्षेत्र के हैं, उन्हें अपनी परम्परा का पालन करना चाहिए।Continue Reading
Aripana (अरिपन), An Anthology of Research Articles on Mithila edited by Savita Jha Khan
Mapping Mithila in South Asia
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कुम्भकर्ण किसके शाप से छह महीना सोता रहता था?
ब्रह्माजी ने कहा- हे वाणी सरस्वती, जैसा देवतालोग चाहते हैं, इस राक्षस की वैसी ही वाणी तुम बन जाओ।
सरस्वती ने यही काम किया। एक दिन सोना और छह महीना खाना खाने के बदले कुम्भकर्ण उलटा बोल गया- एक दिन खाना और छह महीना सोना।Continue Reading
संवेदना (मैथिली कथा) – भवनाथ झा
डा० सिन्हा चोट्टे घूरि घर गेलाह। लैपटॉप खोललनि आ अपन सहयोगी सभके ई-मेल कएल- “हमर शोध लेल वरदक स्पेसीज उपयोगी नै होएत। अहाँ सभ दोसर कोनो जानवरक खोज करू जकरामे भावना नै रहए। Continue Reading
घुरि आउ कमला (मैथिली दीर्घकथा) –भवनाथ झा
परेत फेर कहए लागल- “गाममे फुलिया आ हमर बात सभ केओ बूझि गेल रहए। ओकर बहिन सेहो सुनलक। गप्प चललै। फुलिया सँ हमर बियाह भए गेल। ओही साल कमला माइ सेहो किरपा कएलखिन। एही गाम देने बहए लगलीह। खूब धानो उपजै। माछ मखान भेट, सिंघार, करहर, सारूख ई सभ तँ अलेल रहै।…Continue Reading