मिथिला आ ओकर अस्मिताक निर्धारक तत्त्व
भाषा, लिपि, चौहद्दीक प्राचीन उल्लेख एहि तीनू कारकक संग आरो बहुत रास एहन तत्त्व सभ विवचनीय अछि जे मिथिलाक अस्मिताक निर्धारक तत्त्व थीक, जेकर विवेचन एतए अपेक्षित अछि।Continue Reading
अमृत से सिंचा गया कुश या कुशा भारतीय संस्कृति का प्रतीक है।
कुशोत्पाटिनी अमावस्या दि. 27 अगस्त, 2022 ई. को कुश कैसे उखाड़ें? कुश उखाड़ने का मन्त्र क्या है? कुश उखाड़ने की विधि :- जहाँ कुश उपलब्ध हो उसे वहाँ से उखाड़ने के लिए पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके बैठना चाहिए। पहले खुरपी या खन्ती से कुश की जड़ कीContinue Reading
शतरुद्रिय-प्रयोग- मैथिल साम्प्रदायिक रुद्राभिषेक-विधि
मिथिलामे शतरुद्रिय मन्त्रसँ रुद्राभिषेकक प्रचलन रहल अछि। एहि मन्त्रसँ श्रद्धालुलोकनि अपन घर पर बिना कोनो ताम-झाम कएने सुविधासँ रुद्राभिषेक कए सकैत सकैत छथि।
सीतामढ़ीक शिवहर स्टेटक राजा श्रीराजदेवनन्दन सिंह बहादुर मिथिलाक श्रेष्ठ पण्डितसभ केँ अपना ओतए राखि शाक्तप्रमोद नामक ग्रन्थक सम्पादन करओलनि। ई ग्रन्थ मिथिलामे बड़ा प्रचलित भेल। एतए एही ग्रन्थसँ उद्धृत शतरुद्रिय-प्रयोग-पद्धति देल जा रहल अछि।Continue Reading
हनुमानजी का जन्मस्थान कहाँ था?
हनुमानजी के जन्मस्थान के सम्बन्ध में वर्तमान झारखण्ड के गुमला जिला का दावा भी आधारहीन नहीं है। यहाँ आज भी सहस्र वर्षों से श्रीराम के अनुयायी बजरंग, हनुमान, पवन के गोत्र (टोटम) जाति वनवासीContinue Reading
19वीं शती के रिनेशाँ की वह भयंकर भूल…
बहुत दिन पहले की बात है। एक व्यक्ति को तीर्थयात्रा करने की इच्छा हुई। वह रास्ते में खर्च के लिए बहुत सारा धन जुटाकर तीर्थाटन के लिए मन बनाने लगा। सबसे पहले वह अपने गुरु के पास गया और उनसे पूछा कि गुरुजी, मुझे काशी जाने की इच्छा हो रहीContinue Reading
जब मिस उर्दू ने दरभंगा के मुंसिफ कोर्ट में श्रीमती हिन्दी के विरुद्ध मोकदमा दायर किया।
दरभंगा का मुंसिफ कोर्ट। अंगरेजों के जमाने में भारतीय जजों के कोर्ट को मुंसिफ कहा जाता था। 1873-74 का समय था। मुंसिफ कोर्ट में एक मुसलमान जज बैठे हुए थे। इसी समय मिस उर्दू रोती-बिलखती छाती पीटती हुई आयी। उसने अपील की- ‘हुजूर, श्रीमती हिन्दी मुझे बिहार से निकालना चाह रही है। मेरी फरियाद सुन ली जाये।ʼContinue Reading
दो कहानियाँ, महाराज लक्ष्मीश्वर सिंह की
कहा जाता है कि वे जज साहब खुद इनके पास आये। हो सकता है कि इस बात में कुछ बढ़ा-चढाकर कहा जा रहा हो! बिट्ठो गांव के स्रोत से मेरे पास तक यह कहानी आयी है तो कुछ तो काव्यात्मकता होगी ही। आजकल जिसे ‘नमक-मिर्च लगानाʼ कहते हैं, उसे शिष्ट शब्दों में काव्यात्मकता कहते हैं, अतिशयोक्ति कहते हैं जो एक अलंकार है।Continue Reading
शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग कैसा होना चाहिए?
इस प्रकार, वास्तविकता है कि शिवलिंग के निर्माण की विधि का भी एक शास्त्र है। अतः हम जिस-किसी भी स्तम्भ को शिवलिंग नहीं कह सकते हैं।Continue Reading
पोथीमे विषय-सूची कोना बनाबी?
पोथी निर्माणक क्रममे एकटा समस्या अबैत छैक विषय-सूची बनाएब। एहिमे पृष्ठ संख्या लिखए पड़ैत छैक। जँ पोथी पैघ रहल आ लेखक बेर-बेर सामग्रीकेँ आगाँ-पाछाँ करबैत रहलाह, तखनि कम्प्यूटर पर पोथी तैयार कएनिहारकेँ सभ बेर विषय-सूची बनबए पड़ैत छनि, जाहिमे समय तँ लगिते अछि, सावधानी सेहो राखए पड़ैत अछि। एखनहुँ अधिकांशContinue Reading
पोथीमे शब्द-सूची केना बनाबी
कोना पोथी तैयार कएलाक बाद जँ ओ इतिहास विषयसँ सम्बद्ध रहैत अछि अथवा कोनो ज्ञान पाठ्य रहैत अछि तँ ओहि पोथीक शब्द-सूची बनाएब आवश्यक रहैत छै। ओ सूची पोथीक अंतमे देल रहैत अछि जाहिमे ई उल्लेख रहेत छै जे फलाँ शब्द एहि पोथीक अमुक पृष्ठ पर अछि। पुस्तक सूचीक आदर्श रूप एतए देखि सकैत छी-Continue Reading